श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ सड़कों पर उतरे सीटू कार्यकर्ता
जागरण संवाददाता, जम्मू : केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ सेंट्रल ऑफ इंडियन
जागरण संवाददाता, जम्मू : केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ सेंट्रल ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन राज्यभर में सिटू कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी मैदान में सीटू के राज्य अध्यक्ष मोहम्मद यूसुफ तारिगामी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ता सड़क पर आ गए और इंदिरा चौक तक पहुंच गए। प्रदर्शनकारी सचिवालय की ओर जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें इंदिरा चौक में ही रोक लिया गया।
इस मौके पर मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा कि श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 18 हजार किया जाना चाहिए। बढ़ती महंगाई के चलते श्रमिकों का जीवन यापन दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है। उनकी सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। ट्रेड एक्ट ऑफ 1926 में संशोधन कर मोदी सरकार ने श्रमिकों को गुलाम बनाने की मंशा दर्शाई है। इसके अलावा ट्रेड यूनियन के कार्यो में केंद्र और राज्य सरकारों का हस्तक्षेप भी बढ़ जाएगा। यह श्रमिकों के हित में नहीं है। सरकार लेबर लॉ तरीके से लागू नहीं करवा रही। हर ओर श्रमिक शोषित हो रहा है। सरकार की ओर से रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने की दिशा में कोई कार्य नहीं हो रहा है। सीटू के सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार श्रमिकों के उत्थान के लिए बात तक नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बनी हुई है। किसान तहरीक के महासचिव गुलाम नबी मलिक ने कहा कि सरकार स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करे। इस मौके पर पवन गुप्ता, रमेश चंद, आशा वर्कर्स यूनियन की अनीता राजपूत, श्रवण कुमार, मुजफ्फर वानी, रमेश चंद और कई दूसरी यूनियनों के कार्यकर्ताओं एवं पधाधिकारियों ने भाग लिया। वहीं, ऑल इंडिया रिजर्व बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने दोपहर को भोजन के समय गेट पर प्रदर्शन किया।