JK: पाडर के रास्ते हिमाचल प्रदेश के और करीब हुआ जम्मू-कश्मीर, बीकन ने सड़क की तैयार

बिकन की 118 आरसीसी ने तैयारी से इशतियारी तक विकल्प मार्ग बनाने की योजना बनाई जो सिर्फ चार किलोमीटर थी। इस सड़क पर करीब चार साल पहले धीरे-धीरे काम शुरू हुआ।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 12 Jun 2020 11:13 AM (IST) Updated:Fri, 12 Jun 2020 11:13 AM (IST)
JK: पाडर के रास्ते हिमाचल प्रदेश के और करीब हुआ जम्मू-कश्मीर, बीकन ने सड़क की तैयार
JK: पाडर के रास्ते हिमाचल प्रदेश के और करीब हुआ जम्मू-कश्मीर, बीकन ने सड़क की तैयार

किश्तवाड़, बलबीर जम्वाल : अब जम्मू संभाग के किश्तवाड़ से वाया गुलाबगढ़ पाडर होते हुए हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा पहुंचना आसान हो गया है। कारण, गुलाबगढ़ से 25 किलोमीटर दूर तैयारी से इशतियारी तक सड़क बनकर तैयार हो चुकी है।

डिप्टी कमिश्नर राजेंद्र सिंह तारा ने बताया कि कोविड-19 के नियमों के अनुसार 19 अप्रैल को ग्रेफ अधिकारियों को सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की इजाजत दी गई। ग्रेफ कर्मचारियों ने इस सड़क के काम में तेजी लाई और वीरवार को सड़क के दोनों हिस्से आपस में मिल गए। अब सड़क पर तारकोल बिछाना बाकी है। यह सड़क इतनी चौड़ी है कि इस पर दो बड़े वाहन आसानी से निकल सकते हैं। सड़क का दूसरा हिस्सा मिलते ही लोगों ने भी खुशी जाहिर करते हुए जश्न मनाया और ग्रेफ अधिकारियों को मुबारकबाद दी। उनका कहना था कि इस पुरानी सड़क की वजह से लोगों की आवाजाही कम थी। हर साल यहां से ङ्क्षमधल माता की यात्रा गुजरती है, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं। अब सड़क खुली हो जाने से हिमाचल प्रदेश की ओर से भी आवाजाही बढ़ेगी।

बड़ी मुश्किल से छोटी गाड़ी निकल पाती थी: डीसी ने बताया कि यह सड़क नौ किलोमीटर लंबी थी और इसकी चौड़ाई इतनी थी कि बड़ी मुश्किल से एक छोटी गाड़ी निकल पाती थी। इस सड़क की ऊंचाई दरिया से एक किलोमीटर से भी ज्यादा है। वहां से गुजरने वाले जान हथेली पर रखकर जाते थे। इस सड़क को खुला करने के लिए कोई साधन नहीं था क्योंकि बीच में दो जगह बर्फ के ग्लेशियर और पहाड़ था, जिसको तोडऩे में परेशानी आती थी।

ग्रेफ कर्मियों ने दिन-रात काम कर सड़क का निर्माण किया: बिकन की 118 आरसीसी ने तैयारी से इशतियारी तक विकल्प मार्ग बनाने की योजना बनाई, जो सिर्फ चार किलोमीटर थी। इस सड़क पर करीब चार साल पहले धीरे-धीरे काम शुरू हुआ। दो साल पहले 118 आरसीसी ने इस सड़क को बनाने में काफी तेजी लाई और वहां पर अपने कर्मचारियों को तैनात कर दिया। दर्जनों मशीनें लगाई गई, जिसमें बुलडोजर, जेसीबी और कई भारी मशीनरी शामिल थी। ग्रेफ के कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत कर सड़क पर काम किया। हालांकि जब इस सड़क से मलबा गिरता तो नीचे वाली सड़क को बंद कर दिया जाता था। हालांकि पुरानी सड़क से हिमाचल प्रदेश के केलाड़ तहसील के दर्जनों वाहन रोजाना सड़क से होते हुए जम्मू और दूसरी जगह पर जाते थे।

कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च में काम बंद करना पड़ा था: कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च में ग्रेफ को भी अपना काम बंद करना पड़ा, लेकिन ग्रेफ के अधिकारियों ने डीसी किश्तवाड़ के साथ बैठक कर इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सड़क पर काम करने के लिए यही दो-तीन महीने हैं। बाद में सितंबर के बाद कभी भी बर्फबारी हो सकती है।  

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