कोरोना वायरस की जांच के लिए बढ़ेगी एक और लैब, जीएमसी व सहायक अस्पतालों में ओपीडी बंद

कोरेाना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए राजकीय मेडिकल कालेज व सहायक अस्पतालों में बुधवार से ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 25 Mar 2020 11:32 AM (IST) Updated:Wed, 25 Mar 2020 11:32 AM (IST)
कोरोना वायरस की जांच के लिए बढ़ेगी एक और लैब, जीएमसी व सहायक अस्पतालों में ओपीडी बंद
कोरोना वायरस की जांच के लिए बढ़ेगी एक और लैब, जीएमसी व सहायक अस्पतालों में ओपीडी बंद

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोरेाना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए राजकीय मेडिकल कालेज व सहायक अस्पतालों में बुधवार से ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की सेवाएं कोरोना वायरस के संदिग्धों का इलाज करने में ली जाएंगी। प्रशासन ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे रूटीन में जीएमसी की ओपीडी में न आएं। वे डॉक्टरों से फोन पर सलाह लें। डाक्टरों के फोन नंबर जीएमसी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं। सुबह साढ़े दज बजे से लेकर शाम को साढ़े चार बजे तक फोन पर डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। डॉक्टरों से सिर्फ जेनेरिक दवाइयां ही बताने को कहा गया है। हालांकि इन अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं पहले की तरह ही चलती रहेंगी। यह सेवाएं मेडिकल लीगल केसों के लिए नहीं होगी। गांधीनगर अस्पताल को भी आम मरीजों के लिए बंद कर दिया गया। यह अस्पताल कोरोना मरीजों के लिए होगा। इसमें इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की जांच होगी। गांधीनगर अस्पताल का ओपीडी कांप्लेक्स ही आम मरीजों के लिए खुला होगा। इसका इमरजेंसी ब्लाक आम मरीजों के लिए बंद कर दिया गया है।

इसी बीच कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे संदिग्ध मरीजों की संख्या को देखते हुए सभी की समय पर जांच करना सरकार के लिए चुनौती बन रहा है। ऐसे में टेस्ट के लिए सुविधा बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। मेडिकल कॉलेज जम्मू अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसीन के साथ मिलकर एक और लेबोरेटरी शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसमें कोरोना वायरस के संदिग्धों की जांच की जाएगी। इस समय जम्मू-कश्मीर में सिर्फ चार ही लेबोरेटरी हैं जहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच हो रही है। इनमें मेडिकल कॉलेज जम्मू, मेडिकल कॉलेज श्रीनगर, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस तथा कमान अस्पताल ऊधमपुर शामिल हैं। अन्य किसी भी अस्पताल में जांच की सुविधा नहीं है।

हर दिन तीन सौ से चार सौ लोगों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अपनी निगरानी में रख रहा 

केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देश के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में आए सभी लोगों के टेस्ट करना अनिवार्य है। यही नहीं जो भी संदिग्ध नजर आ रहे हैं, उनकी भी जांच हो रही है। इस समय जम्मू-कश्मीर में हर दिन तीन सौ से चार सौ लोगों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अपनी निगरानी में रख रहा है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिन लोगों में लक्षण हैं, उन्हीं को क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। विदेश तथा लद्दाख से आने वाले सभी लोगों को यहां पर क्वारंटाइन केंद्रों में रखा जा रहा है लेकिन इस समय जितनी लेबोरेटरी हैं, उन्हें देखकर सभी की जांच कर पाना संभव नहीं है। अभी तक जम्मू कश्मीर में मात्र 260 लोगों के सैंपलों की जांच ही हो पाई है। इसे देखकर यह जरूरी है कि लेबोरेटरी की सुविधा बढ़ाई जाए। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने भी राज्यों से लैब की सुविधा बढ़ाने के लिए कहा है। इसके बाद ही अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसिन के साथ मिलकर एक और लैब खोलने की तैयारी है। इंटरनल मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. अनिल धर का भी मानना है कि अगर कोरोना वायरस से निपटना है तो जिला स्तर पर लेबोरेटरी होनी चाहिए। उनका कहना है कि अभी जम्मू-कश्मीर में बहुत कम लेबोरेटरी हैं। एक जिले से दूसरे जिले में सैंपल लाने के स्थान पर अपने-अपने जिले में ही जांच की सुविधा होनी चाहिए।

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