अमरनाथ यात्रा: आठ दिनों में लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए बाबा बफानी के दर्शन, 5,694 लोगों का जत्था रवाना

अमरनाथ यात्रा मंगलवार को 5694 लोगों का एक और जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 09 Jul 2019 09:58 AM (IST) Updated:Tue, 09 Jul 2019 09:58 AM (IST)
अमरनाथ यात्रा: आठ दिनों में लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए बाबा बफानी के दर्शन, 5,694 लोगों का जत्था रवाना
अमरनाथ यात्रा: आठ दिनों में लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए बाबा बफानी के दर्शन, 5,694 लोगों का जत्था रवाना

जम्मू, जेएनएन। एक जुलाई को अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक पिछले आठ दिनों में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की है, जबकि मंगलवार को 5,694 लोगों का एक और जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ। हालांकि, कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण सोमवार को तीर्थयात्रियों के किसी भी नए जत्थे को यहां से जाने की अनुमति नहीं दी गई अलगाववादियों ने हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की बरसी के मौके पर सोमवार को बंद का आह्वान किया था

जानकारी के अनुसार एक जुलाई को अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 1,11,699 श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। 45 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ संपन्न होगी।पवित्र गुफा कश्मीर के हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण सोमवार को यात्रा निलंबित रहने के बाद, मंगलवार को यत्रियों को आगे बढ़ने की अनुमति मिली। 

जानकारी के अनुसार मंगलवार को श्रद्धालु भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिले में रवाना हुए। इनमें से 1,967 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं, जबकि 3,997 पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं। यात्री पवित्र गुफा के लिए या तो बालटाल आधार शिविर से जा रहे हैं या पारंपरिक पहलगाम आधार शिविर से जा रहे हैं। दोनों आधार शिविरों में तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नागरिक यातायात के आवागमन पर प्रतिदिन दो घंटे के लिए प्रतिबंध है। 

जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए यह प्रतिबंध जरूरी है। पवित्र गुफा की खोज 1850 में एक मुस्लिम चरवाहे बूटा मलिक द्वारा की गई थी। 

अमरनाथ तीर्थयात्री अक्सर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हैं क्योंकि वे पहाड़ों के माध्यम से दक्षिण कश्मीर में हिमालय की पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए ट्रेक करते हैं। रविवार को आईटीबीपी के जवानों ने 50 से अधिक तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन दी, जो अपनी कठिन यात्रा के दौरान 12,000 फीट की ऊंचाई पर सांस ले रहे थे। 

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को कहा कि स्थानीय मुस्लिमों के समर्थन और सहायता से वार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा संभव हो पाई है। सत्यपाल मलिक ने लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन दो घंटे नागरिक यातायात पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर धैर्य रखने को कहा है क्योंकि यह तीर्थयात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा है

सत्यपाल मलिक ने पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकवादी हमले का हवाला देते हुए कहा कि आप जानते हैं कि इस साल 14 फरवरी को राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्या हुआ था, हमले में 40 जवान मारे गए थे

इस बीच, ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) श्रद्धालुओं के लिए मौसम के पूवार्नुमान, यातायात की जानकारी देने और भक्ति संबंधी कंटेंट प्रसारित करने के लिए बालटाल आधार शिविर में एक एफएम रेडियो स्टेशन शुरू कर रहा है। 45 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ संपन्न होगी

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