जम्मू-कश्मीर में सतर्कता संगठन, पिछड़ा आयोग के गठन से जुड़े सभी कानून भी निरस्त

जम्मू कश्मीर सामाजिक एवं शैक्षिक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करीब 10 दिन पहले ही जम्मू कश्मीर कानून विभाग द्वारा जारी एक आदेश के तहत किया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2020 02:12 PM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2020 02:12 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में सतर्कता संगठन, पिछड़ा आयोग के गठन से जुड़े सभी कानून भी निरस्त
जम्मू-कश्मीर में सतर्कता संगठन, पिछड़ा आयोग के गठन से जुड़े सभी कानून भी निरस्त

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में राज्य सतर्कता संगठन और राज्य पिछड़ा आयोग के गठन को सुनिश्चित बनाने वाले अधिनियम को केंद्र सरकार ने समाप्त कर दिया है। केंद्र ने यह कदम केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य कानून आयोग की सिफारिशों के अनुरूप उठाया है। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने से पहले जम्मू कश्मीर में अपना संविधान और कानून था।

केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, राज्य कानूनों का अनुकूलन अदेश, 2020 जारी कर उन सभी कानूनों को समाप्त कर दिया है जिनके आधार पर जम्मू कश्मीर में सतर्कता संगठन और राज्य पिछड़ा वर्ग आयाेग का गठन किया जाता रहा है। अलबता, इस आदेश का असर जम्मू कश्मीर सामाजिक एवं शैक्षिक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन, उसकी कार्य प्रणाली पर नहीं पड़ेगा।

जम्मू कश्मीर सामाजिक एवं शैक्षिक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करीब 10 दिन पहले ही जम्मू कश्मीर कानून विभाग द्वारा जारी एक आदेश के तहत किया गया है। इस आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जस्टिस जीडी शर्मा को बनाया गया है। उनके अलावा भारतीय वन सेवा से सेवानिवृत्त रूप लाल भारती और पूर्व आईपीएस अधिकारी मुनीर अहमद खान को आयोग में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।

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