Militancy in Kashmir: खतरे की घंटी है कश्मीर में स्टिकी बमों की मौजूदगी, आतंकी अफगानिस्तान में कर चुके हैं इसका इस्तेमाल

कश्मीर में वाहनों की बड़ी संख्या है। ऐसे में मौका देखकर कहीं भी स्टिकी बम को पलक झपकते चिपकाया जा सकता है। कश्मीर के आईजी विजय कुमार भी मानते हैं कि आतंकवाद की नई चुनौतियों को नजरंअदाज नहीं कर सकते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 07:51 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 10:38 AM (IST)
Militancy in Kashmir: खतरे की घंटी है कश्मीर में स्टिकी बमों की मौजूदगी, आतंकी अफगानिस्तान में कर चुके हैं इसका इस्तेमाल
स्टिकी बम को मैग्नेटिक बम भी कहा जाता है। यह एक आइईडी होती है जिसमें मैग्नेट लगा होता है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में स्टिकी बमों की मौजूदगी आतंकवाद से लड़ रहे सेना, सुरक्षाबलों के लिए खतरे की घंटी है। स्टिकी बमों का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा इजरायल, अफगानिस्तान में किया जा चुका है। इन बमों ने वहां काफी कहर ढाया था। यही नहीं नई दिल्ली में गत जनवरी में इजरायली दूतावास के बाहर जो ब्लास्ट हुआ था, उसमें भी इसी स्टिकी बम का इस्तेमाल किया गया था। पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के लिए भेजे वाले स्टिकी बमों की बरामदगी इसका सूचक है कि आने वाले दिनों में आतंकवादी बड़ी वारदातें करने के लिए आसान तरीका तलाश रहे हैं।

आपको बता दें कि स्टिकी बम को मैग्नेटिक बम भी कहा जाता है। यह एक आइईडी होती है जिसमें मैग्नेट लगा होता है। यही वजह है कि इसे आसानी से किसी भी वाहन में आसानी से लगाया जा सकता है। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो आतंकवादियों ने इसका ट्रायल भी कर लिया है। कुछ दिन पहले श्रीनगर में एक टिप्पर में आइईडी विस्फोट हुआ था। यह स्टीकी बम ही था जो टिप्पर के अगले हिस्से में लगाया गया था। यह टिप्पर पार्किंग में खड़ा था। विस्फोट के कारण किसी जान को नुकसान तो नहीं पहुंचा परंतु आसपास खड़े दूसरे वाहनों को इससे काफी क्षति पहुंची थी।

कश्मीर में वाहनों की बड़ी संख्या है। ऐसे में मौका देखकर आतंकवादी स्टिकी बम को दो पहिया वाहन या फिर कार आदि में कहीं भी चिपका सकते हैं। इसमें मैग्नेटिक लगा होने की वजह से इसे गाड़ी के ऐसे हिस्से में भी चिपकाया जा सकता है, जहां किसी की आसानी से नजर न जाती हो।

कश्मीर के आइजी विजय कुमार भी मानते हैं कि हम आतंकवाद की नई चुनौतियों को नजरंअदाज नहीं कर सकते हैं। वहीं खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी का कहना है कि स्टिकी बम पाकिस्तान द्वारा भेजे जा रहे हैं। इस समय पाकिस्तान की कोशिश है कि वह किसी भी तरह से हथियार, गोला बारूद भेज कर आतंकवाद को शह दे। यही कारण है कि पाकिस्तान ड्रोन, सुरंगें खोदकर हथियार भेजने की कोशिशें कर रहा है।

आपको बता दें कि गत दिनों जम्मू के रामगढ़ से सुरक्षाबलों द्वारा बरामद की गई छोटी आइईडी कुछ ओर नहीं बल्कि स्टिकी बम ही थे। वहीं सुरक्षाबलों ने इस नए खतरे का तोड़ निकालने का प्रयास शुरू कर दिया है। इससे पहले कि आतंकवादी इन स्टिकी बम के जरिए घाटी में तबाही फैलाएं, सुरक्षाबलों का पूरा प्रयास है कि वे आतंकी मसूंबों को समय रहते ध्वस्त कर दें।

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