राष्ट्रीय चैनल से नाता तोड़ काशिर से जुड़ा जम्मू दूरदर्शन, जम्मू के कलाकारों ने आपत्ति जताई

काशिर चैनल से जम्मू दूरदर्शन के प्रसारण पर जम्मू के कलाकारों निर्माता निर्देशकों साहित्यकारों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जम्मू दूरदर्शन फुलफलेजड चैनल है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 23 Jul 2020 01:51 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jul 2020 01:51 PM (IST)
राष्ट्रीय चैनल से नाता तोड़ काशिर से जुड़ा जम्मू दूरदर्शन, जम्मू के कलाकारों ने आपत्ति जताई
राष्ट्रीय चैनल से नाता तोड़ काशिर से जुड़ा जम्मू दूरदर्शन, जम्मू के कलाकारों ने आपत्ति जताई

अशोक शर्मा, जम्मू : अलग जम्मू दूरदर्शन की मांग करने वालों को प्रसार भारती ने जोर का झटका धीरे से दिया है। झटका ऐसा है कि फुल फ्लैजड चैनल तो मिला नहीं उलटा पहले से चल रहा जम्मू दूरदर्शन भी काशिर चैनल की झोली में डाल दिया है। पहले ही पिछले कई वर्षों से जम्मू दूरदर्शन का बजट लगातार कम होता जा रहा था। पिछले करीब पांच वर्षो से जम्मू दूरदर्शन अपनी नई प्रोडक्शन करने के बजाए पुराने ऊबाऊ कार्यक्रमों का पुण: प्रसारण के सहारे चल रहा था।

काशिर चैनल से जम्मू दूरदर्शन के प्रसारण पर जम्मू के कलाकारों, निर्माता, निर्देशकों, साहित्यकारों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जम्मू दूरदर्शन फुलफलेजड चैनल है। इसे जैसे पहले लिंक किया जाता था उसी तरह किया जाना चाहिए। वहीं डुग्गर मंच के अध्यक्ष मोहन सिंह ने प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह, सीइओ प्रसार भारती को डायरेक्टर जम्मू दूरदर्शन विनोद भान के माध्यम से ज्ञापन भेजा है। जिसमें साफ किया गया है कि जम्मू दूरदर्शन की अपनी पहचान है। उसे मिटाया नहीं जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं कि दूसरे राज्यों में चलने वाले छोटे चैनलों को वहां के मुख्य चैनल से लिंक कर दिया गया है। लेकिन जम्मू की भूगोलिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक विभिन्नता के चलते यहां अलग चैनल अति आवश्यक है।

काशीर चैनल में पहले भी जम्मू की अनदेखी होती रही है। जम्मू के लोगों को काशिर चैनल का जो हक मिलना चाहिए था वह भी नहीं मिलता रहा है। जम्मू के लोग वर्षो से अलग सैटालाइट चैनल की मांग करते रहे हैं। पिछली सरकार ने जम्मू को अलग दूरदर्शन चैनल देने की दिशा में काम भी शुरू कर दिया था। लेकिन इस सरकार ने नया चैनल देने के बजाए जम्मू दूरदर्शन का अस्तित्व भी खतरे में डाल दिया है। यह सहन नहीं होगा।

पहले की तरह चलना चाहिए जम्मू दूरदर्शन : दूरदर्शन एप्रूवड़ ड्रामा आर्टिस्ट एसोसिएशन (दादा) के अध्यक्ष जेएस बबली ने कहा कि एक साजिश के तहत जम्मू दूरदर्शन को बंद किया जा रहा है। इस दूरदर्शन का बजट करोड़ों में था। जिससे दर्शकों को जम्मू की कला, संस्कृति से जुडे़ सैकड़ों कार्यक्रम यहां से प्रसारित होते रहे। करीब दस हजार लोग इससे जुडे़ हुए थे। प्रोडक्शन कंट्रालर संजीव निर्दोष ने कहा कि दस हजार के करीब लोग दूरदर्शन के सहारे थे लेकिन कार्यक्रमों का प्रसारण बंद कर उनसे उनके जीने का सहारा छीन लिया। अब जिस तरह की प्रक्रिया चल रही है, उसे देखते हुए लगता है कि जम्मू दूरदर्शन को बंद किया जा रहा है। काशीर चैनल तो पहले भी चलता था। फिर जम्मू दूरदर्शन को काशिर चैनल से लिंक करने का क्या औचित्य है। कलाकारों का कहना है कि जम्मू दूरदर्शन जैसे पहले चल रहा था, उसी तरह चलता रहना चाहिए।

काशिर चैनल से दिखाया जा रहा जम्मू दूरदर्शन: जम्मू दूरदर्शन के कार्यक्रम शाम तीन बजे से शाम 7.15 तक काशिर चैनल से प्रसारित हो रहा है। 4.45 से 5.00 बजे तक, 6.15 से 6.30 बजे, 7.00 बजे से 7.15 बजे तक डोगरी समाचार प्रसारित होते हैं। शाम 5.00 से 5.30 बजे तक श्री अमरनाथ गुफा से आरती का सीधा प्रसारण किया जाता। इसके अलावा सभी पुराने कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं। डायरेक्टर जम्मू दूरदर्शन विनोद भान का कहना है कि कोरोना के चलते नई प्रोडक्शन नहीं हो रही। हालात ठीक होते ही पहले की तरह प्रसारण होगा। जम्मू दूरदर्शन का स्टेट्स क्या रहेगा इसके बारे में उन्होंने कहा कि हेडक्वार्टर से जैसा आर्डर होगा। उसका पालन होगा।

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