वैष्णो देवी के त्रिकुट पर्वत पर लगी आग, बंद हुआ बैटरी कार मार्ग

आग की वजह से श्राइन बोर्ड ने दोपहर 12 बजे बैटरी कार मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया, जिससे बैटरी कार सेवा भी निलंबित कर दी गई।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 11 Jan 2018 10:51 AM (IST) Updated:Thu, 11 Jan 2018 12:27 PM (IST)
वैष्णो देवी के त्रिकुट पर्वत पर लगी आग, बंद हुआ बैटरी कार मार्ग
वैष्णो देवी के त्रिकुट पर्वत पर लगी आग, बंद हुआ बैटरी कार मार्ग

कटड़ा, [संवाद सहयोगी] । माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा से भवन तक सुरक्षा व्यवस्था को खंगालने एनएसजी के 100 कमांडो कटड़ा पहुंचे हैं। सूत्रों के अनुसार ये कमांडो दर्शनी ड्योढ़ी, अ‌र्द्धकुंवारी, भैरो घाटी सहित सभी महत्वपूर्ण स्थलों के साथ आसपास के क्षेत्रों की जांच करेंगे। हालांकि आधिकरिक रूप से किसी ने भी एनएसजी कामांडों के कटड़ा आने की पुष्टि नहीं की।

वैष्णो देवी के त्रिकुट पर्वत पर लगी आग, बंद हुआ बैटरी कार मार्ग

मां वैष्णो देवी के त्रिकुट पर्वत पर देवी द्वार इलाके में बुधवार सुबह 11 बजे अचानक आग लग गई। आग तेजी से फैलने के कारण श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्राइन बोर्ड प्रशासन ने यात्रा के लिए बैटरी कार मार्ग को बंद कर दिया। आग बुझाने का काम जारी है, लेकिन समाचार लिखे जाने तक आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है। देवी द्वार इलाके में पहाड़ों से गिरने वाले पत्थरों को यात्रा मार्ग पर आने से रोकने के लिए लोहे की जाली लगाने का काम किया जा रहा है।

बुधवार सुबह 11 बजे जाली लगाने के लिए की जा रही वेल्डिंग मशीन से निकली ि‍चगारियों से अचानक पास ही घास में आग लग गई। वहां पर काम कर रहे लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग काबू में नहीं आई और तेजी से फैलना शुरू हो गई। तेज हवा के कारण देखते ही देखते काफी बड़ा क्षेत्र आग की चपेट में आ गया।आग लगने की जानकारी मिलते ही श्राइन बोर्ड के कर्मचारी व अधिकारी मौके पर पहुंचे। आपदा प्रबंधन दल, अग्निशमन विभाग, वन विभाग और पुलिस के जवान भी वहां पर पहुंच गए तथा आग बुझाने का काम में जुट गए।

वहीं, आग की वजह से श्राइन बोर्ड ने दोपहर 12 बजे बैटरी कार मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया, जिससे बैटरी कार सेवा भी निलंबित कर दी गई। पुराना मार्ग खुला हुआ है। श्रद्धालु पुराने मार्ग से सामान्य तौर पर यात्रा कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान आग की वजह से भक्तों को धुएं से थोड़ी परेशानी भी झेलनी पड़ रही है।वन विभाग व श्राइन बोर्ड के मुताबिक आग की चपेट में तकरीबन आधा वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र आया है, जिससे वहां पर वन संपदा को भी नुकसान पहुंचा है।

वहीं, दोपहर 12 बजे से युद्ध स्तर पर किए जा रहे आग बुझाने के प्रयासों के चलते आग पर काफी हद तक काबू तो पा लिया गया है, लेकिन अभी भी आग पूरी तरह बुझाई नहीं जा सकी है और आग की लपटें रह-रह कर उठ रही हैं। पहाड़ पर लगी आग और ज्यादा न फैले तथा पुराने यात्रा मार्ग तक न पहुंचे, इसके लिए अग्निशमन व अन्य विभाग प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि पिछले हफ्ते वेल्डिंग की वजह से श्राइन बोर्ड के बाणगंगा मार्ग पर स्थित मुख्य गोदाम में भी आग लग गई थी, जिस पर समय रहते काबू पा कर बड़ा हादसा होने से टाल दिया गया था।

इस बारे में श्राइन बोर्ड के एडिशनल सीईओ अंशुल गर्ग ने कहा कि आग बुझाने के लिए श्राइन बोर्ड द्वारा पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। चल रही तेज हवाओं और अंधेरे की वजह से बाधा उत्पन्न हो रही है। फिर भी आग पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के निर्देश भी दे दिए गए हैं।

मां वैष्णो देवी की यात्रा में आने लगी गिरावट

सर्दियो की छुट्टियां खत्म होने तथा जल्द शुरू होने वाली परीक्षाओं की वजह से मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट का दौर शुरू हो गया है। नए साल के पहले दिन मां के दर्शनों के लिए जहां 41 हजार श्रद्धालु पहुंचे थे, वही बुधवार शाम सात बजे तक महज 12 हजार श्रद्धालुओं ने ही दर्शनों के लिए पंजीकरण करवाया था और रात को पंजीकरण बंद होने तक यह आंकड़ा 15 हजार के आसपास ही रहने का अनुमान है।

साल 2018 में अब तक कुल मिलाकर दो लाख 20 हजार श्रद्धालु मां के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि यह आंकड़ा पिछले साल से 20 हजार ज्यादा है। पिछले साल 2017 में पहले दस दिनों में कुल मिलाकर दो लाख श्रद्धालु ही मां के दर्शनों के लिए आए थे। यात्रा में गिरावट की मुख्य वजह स्कूलों में पड़ी सर्दियों की छुट्टियां खत्म होना और अगले माह से देश भर में शुरू होने वाली वार्षिक परीक्षाओं को माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक यात्रा में गिरावट का यह दौर फरवरी माह के अंत तक जारी रहेगा। मार्च में यात्रियो की संख्या फिर से बढ़नी शुरू हो जाएगी।

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