जम्मू-कश्मीर में 44.32 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव लेकर 4114 उद्योगपतियों ने किए आनलाइन आवेदन

जमीन अलाटमेंट के प्रस्ताव में प्राथमिकता उसे दी जाएगी जो उद्योग कम जगह में अधिक निवेश के साथ रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने में समक्ष होगा। दुबई में ईमार लुलु मतू इनवेस्टमेंट जैसे बड़े औद्योगिक घरानों के साथ तीन हजार करोड़ रुपये के निवेश को लेकर एमओयू साइन किया।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 04:38 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 04:38 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में 44.32 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव लेकर 4114 उद्योगपतियों ने किए आनलाइन आवेदन
अगले डेढ़ साल में दो लाख रोजगार के अवसर का लक्ष्य निर्धारित करते हुए इन प्रस्तावों को मंजूरी दी जाए।

जम्मू, जागरण संवाददाता। औद्योगिक जमीन अलाटमेंट नीति के तहत जम्मू-कश्मीर के उद्योग विभाग के पास अब तक 44,327 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव लेकर 4114 उद्योगपतियों ने जमीन अलाटमेंट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। इससे एक लाख 84 हजार 100 युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। प्रदेश सरकार ने अगले 18 महीनों के भीतर इन प्रस्तावों को सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से मंजूरी देने का फैसला किया है।

जमीन अलाटमेंट के प्रस्ताव में प्राथमिकता उसे दी जाएगी जो उद्योग कम जगह में अधिक निवेश के साथ रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने में समक्ष होगा। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाल ही में दुबई में ईमार, लुलु, मतू इनवेस्टमेंट, अलमाया ग्रुप व नून ई-कामर्स जैसे बड़े औद्योगिक घरानों के साथ तीन हजार करोड़ रुपये के निवेश को लेकर एमओयू साइन किया है।

जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी डा. अरूण कुमार मेहता ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान जमीन अलाटमेंट प्रक्रिया की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि इन तमाम आवेदनों को आनलाइन सिंगल विंडो सिस्टम से आगे बढ़ाया जा रहा है और प्राथिमकता उन्हीं उद्योगों को दी जाएगी जो कम जमीन में अधिक निवेश के साथ रोजगार के अधिक साधन उपलब्ध करवाने में समक्ष होगा और पर्यावरण अनुकूल होगा। चीफ सेक्रेटरी ने इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ पूरा करने व अलाटमेंट से पूर्व आपत्तियां आमंत्रित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगले डेढ़ साल में दो लाख रोजगार के अवसर का लक्ष्य निर्धारित करते हुए इन प्रस्तावों को मंजूरी दी जाए।

बैठक के दौरान उन्होंने उद्योग व वाणिज्य विभाग को हर जिला मुख्यालय में हैंडीक्राफ्ट एंड हैंडलूम हॉट विकसित करने का निर्देश दिया ताकि स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध हो सके। उन्होंने प्रत्येक जिले से एक उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में भी प्रयास तेज करने की सलाह दी। बैठक के दौरान बताया गया कि 2021-22 में अब तक विभाग ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 19.34 करोड़ रुपये की सब्सिडी के साथ 1392 आवेदनों को मंजूरी प्रदान की है और 2810 कारीगरों को 1.89 करोड़ की मंजूर के साथ क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाए है।

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