Encroachment In Jammu: सांबा में 400 कनाल सरकारी जमीन से हटवाया अतिक्रमण, कृषि विज्ञान केंद्र साबा को साैंपी
अतिक्रमणकारियोंको चेताया कि अगर फिर से अतिक्रमण किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से कहा कि जिसने भी सरकारी जमीन पर कब्जा किया है वह खुद उसे खाली कर दें। नहीं तो हमें मजबूरन कानून का सहारा लेकर उसे वापस लेना पड़ेगा।
संवाद सहयोगी सांबा: जिला प्रशासन ने शुक्रवार को एक बड़ा अतिक्रमण अभियान हटाओ अभियान चला कर करीब 400 कनाल जमीन से कब्जा छुड़ाया। कब्जा हटाने के बाद इस भूमि को कृषि विज्ञान केंद्र साबा को सौंप दिया गया। इस मौके पर उपजिला आयुक्त राजस्व विभाग जितेंद्र मिश्रा, तहसीलदार सांबा रामपाल शर्मा, सांबा पुलिस थाना प्रभारी सुधीर सदोत्रा, कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों सहित राजस्व विभाग के कई अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद थे।
एडीसी मिश्रा ने बताया कि गांव मनानु, आरजी साबा, बेहड़ी और समलाह में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया। इन सभी गांवों में वर्ष 2012 में 399 कनाल और 13 मरले भूमि का अधिग्रहण हुआ था, लेकिन स्थानीय लोग बार-बार इस पर कब्जा कर लेते थे। ऐसे में शुक्रवार को हमने यहा से पूरी तरह से सारे कच्चे व पक्के ढाचे हटाकर जमीन को कृषि विज्ञान केंद्र के हवाले कर दिया।
मिश्रा ने अतिक्रमणकारियोंको चेताया कि अगर फिर से अतिक्रमण किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से कहा कि जिसने भी सरकारी जमीन पर कब्जा किया है, वह खुद उसे खाली कर दें। नहीं तो हमें मजबूरन कानून का सहारा लेकर उसे वापस लेना पड़ेगा। उन्होंने लोगों के विरोध का जवाब देते हुए कहा कि अगर किसी को भी कोई शंका है तो वह अपने जमीन के कागज लेकर हमारे दफ्तर में आए। जिसकी भी जमीन मालिकी पाई गई, उसे उसकी जमीन वापस दी जाएगी।
पुलिसबल की मौजूदगी में विरोध नहीं कर पाए स्थानीय लोग जैसे ही प्रशासन की टीम पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंची तो स्थानीय लोगों ने विरोध जताने का भी प्रयास किया, लेकिन बड़ी संख्या में पुलिस होने से वे कुछ नहीं कर पाए। उनका कहना था कि पहले उक्त जगह की निशानदेही करवाई जाए, क्योंकि इसके साथ ही लगती हमारी मालिकाना जमीन भी है। सरपंच पंचायत हलका मनानु सुनील चौधरी चौधरी ने बताया कि यहां लोगों की मालिकी जमीन भी है और प्रशासन को इसकी निशानदेही जरूर करवानी चाहिए।
वहीं स्थानीय निवासी दर्शन कुमार, देविया, सूरजराम आदि ने दावा किया कि पिछले कई साल से उक्त जमीन पर वे खेतीबाड़ी करते आ रहे हैं। उन्होंने इस जमीन का खुद को मालक बताया। ग्रामीणों ने कहा कि यदि जिला प्रशासन हमारी बात नहीं सुनेगा तो अदालत से अपनी गुहार लगाएंगे।