जम्‍मू-कश्‍मीर में सेना का बड़ा लक्ष्‍य, जो बंदूक उठाएगा मारा जाएगा

सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खात्मे के लिए 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची तैयार की है। इस सूची में सिर्फ जैश के उमर व जाहिद ही विदेशी हैं अन्य सभी स्थानीय आतंकी हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 05 Jun 2019 09:45 AM (IST) Updated:Wed, 05 Jun 2019 09:45 AM (IST)
जम्‍मू-कश्‍मीर में सेना का बड़ा लक्ष्‍य, जो बंदूक उठाएगा मारा जाएगा
जम्‍मू-कश्‍मीर में सेना का बड़ा लक्ष्‍य, जो बंदूक उठाएगा मारा जाएगा

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। अंसार-गजवात-उल- हिंद के कमांडर जाकिर मूसा को मार गिराने के बाद अब कश्मीर में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन के डिवीजनल कमांडर रियाज नायकू, अल-बदर के कमांडर जावेद, जैश के उमर और जाहिद अफगानी समेत प्रमुख कमांडर सुरक्षाबलों के राडार पर हैं। सुरक्षाबलों ने इनके खात्मे के लिए 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची तैयार की है। इस सूची में सिर्फ जैश के उमर व जाहिद ही विदेशी हैं, अन्य सभी स्थानीय आतंकी हैं।

इस साल अब तक सुरक्षाबल कश्मीर में 100 से अधिक आतंकियों को मार चुके हैं और इनमें जैश के सबसे अधिक हैं। दरअसल, सुरक्षाबल एक रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। आतंक का चेहरा बन चुके इन मोस्ट वांटेड आतंकियों के सफाए से सुरक्षाबल स्थानीय युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती रोकने के साथ यह संदेश देना चाहते हैं कि घाटी में 'जो भी बंदूक उठाएगा, मारा जाएगाÓ। वहीं केंद्र में नई सरकार ने भी शपथ ग्रहण के साथ ही मिशन कश्मीर पर काम शुरू कर दिया है। गृह मंत्री और रक्षा मंत्री का पूरा ध्यान कश्मीर पर है। लगातार बैठकों के अलावा रक्षा मंत्री जम्मू कश्मीर का दौरा कर जरूरी दिशा निर्देश जारी जारी कर चुके हैं।

इस समय कश्मीर में करीब 270 आतंकी सक्रिय बताए जाते हैं। इनमें से करीब 190 स्थानीय आतंकी हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि मोस्ट वांटेड 10 आतंकियों के खात्मे से बेशक कश्मीर में आतंंकवाद खत्म न हो, लेकिन आतंकवाद के हौसले पस्‍त होंगे। स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती पर अंकुश लगेगा और हाल-फिलहाल आतंकी बने कई युवक आत्मसमर्पण कर सकते हैं।

15 लाख का इनाम रियाज नायकू सबसे ऊपर :

10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में सबसे ऊपर हिजबुल मुजाहिदीन के रियाज नायकू को रखा गया है। डबल-ए श्रेणी का आतंकी रियाज नायकू का कोड जुबैर उल इस्लाम है। नायकू ने ही बीते साल कश्मीर घाटी में पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के परिजनों को अगवा कर सनसनी फैला दी थी। कई लोग दावा करते हैं कि वह कश्मीर में हिज्ब का ऑपरेशनल कमांडर मुहम्मद बिन कासिम है, लेकिन आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, मुहम्मद बिन कासिम दक्षिण कश्मीर में नहीं है। रियाज नायकू और मुहम्मद बिन कासिम दोनों अलग-अलग हैं। वर्ष 2012 से सक्रिय रियाज नायकू दक्षिण कश्मीर में जिला पुलवामा के अंतर्गत बेगीपोरा (अवंतीपोरा) का रहने वाला है। वह 21 मई 2012 को सक्रिय आतंकी बना था। 15 लाख के इनाम रियाज नायकू को हिज्ब कैडर में मास्टर जी कोड से भी जाना जाता है, क्योंकि वह आतंकी बनने से कुछ समय पहले एक स्कूल में टीचर भी रहा है।

वसीम और अशरफ पर सात-सात लाख का इनाम :

सुरक्षाबलों ने दूसरे नंबर पर लश्कर-ए-तैयबा के स्थानीय डिवीजनल कमांडर वसीम अहमद उर्फ ओसामा को रखा है। उस पर सात लाख का इनाम है। वहीं अनंतनाग में टेंगपा कोकरनाग का रहने वाला मोहम्मद अशरफ खान उर्फ अशरफ मौलवी उर्फ मंजूर उल हक उर्फ मंसूर उल इस्लाम तीसरे नंबर पर है। सात लाख का इनामी अशरफ मौलवी इसी साल ए-श्रेणी में सूचीबद्ध हुआ है। हिजबुल मुजाहिदीन में सितंबर 2016 को शामिल होने वाला अशरफ अनपढ़ है।

डबल-ए श्रेणी का आतंकी है मेहराजुद्दीन :

उत्तरी कश्मीर के जिला बारामुला का हिज्ब कमांडर मेहराजुद्दीन हलवाई उर्फ उबैद 12वीं पास है। डबल-ए श्रेणी में सूचीबद्ध मेहराजुद्दीन सोपोर के खुशालमट्टू गांव का रहने वाला है। उसकी आयु लगभग 34 साल बताई जाती है। वह वर्ष 2015 के अंत तक उत्तरी कश्मीर में पूरी तरह सक्रिय था। उसके बाद वह कथित तौर पर पाकिस्तान चला गया था। सुरक्षाबलों द्वारा उसे 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल करना बताता है कि वह लौट आया है।

सैफुल्ला संभाल रहा श्रीनगर में हिज्ब की कमान :

श्रीनगर में हिजबुल मुजाहिदीन की कमान संभाल रहे सैफुल्ला मीर उर्फ डॉ. सैफ की उम्र करीब 29 साल है। 12वीं पास सैफुल्ला जिला पुलवामा के मलंगपोरा का रहने वाला है। ए-श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध सैफुल्ला को करीब एक साल पहले हिजबुल मुजाहिदीन ने श्रीनगर का जिला कमांडर बनाया था। वह अक्तूबर 2014 में आतंकी बना था। सैफुल्लाह उर्फ सैफुल्ला मीर उर्फ सैफ श्रीनगर में हिजबुल मुजाहिदीन के कैडर को सक्रिय कर रहा है।

अशरफ की एसेंजियों के पास भी ज्यादा जानकारी नहीं :

पुलवामा में सक्रिय अशरफ उल हक भी डबल ए-श्रेणी में सूचीबद्ध हिज्ब का 12 लाख का इनामी आतंकी है, लेकिन उसके बारे में सुरक्षा एजेंसियों को ज्यादा जानकारी नहीं है। वह करीब एक साल पहले पुलवामा में सक्रिय हुआ, लेकिन बीते साल जिन पहले 20 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची को सुरक्षाबलों ने कथित तौर पर तैयार किया था, उसमें उसका जिक्र नहीं था।

अल-बदर मुजाहिदीन के जावेद की सरगर्मी से तलाश :

करीब दो साल से कश्मीर में पुन: सक्रिय हो रहे आतंकी संगठन अल-बदर मुजाहिदीन का कमांडर जावेद मट्टू उर्फ फैसल उर्फ साकिब उर्फ मुसैब उत्तरी कश्मीर में सक्रिय है। वह सोपोर के खुशाल मट्टू का रहने वाला है। 12वीं पास जावेद फरवरी 2010 में आतंकी बना था। वह आतंकियों की ए-श्रेणी की सूची में शामिल है। सुरक्षाबल इसकी सरगर्मी से तलाश कर रहे हैं।

जैश के उमर और जाहिद अफगानी दोनों विदेशी आतंकी :

मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में दो विदेशी आतंकी हैं और दोनों ही जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं। इनमें एक जैश का ऑपरेशनल कमांडर हाफिज उमर है, जिसे मौलाना अजहर मसूद के खानदान से संबंधित बताया जाता है। उसका एक और चचेरा भाई भी कश्मीर में सक्रिय है। जैश का दूसरा कमांडर जाहिद शेख उर्फ उमर अफगानी है। अफगानी के बारे में कहा जाता है कि वह अफगानिस्तान में नाटो सेना के खिलाफ लड़ चुका है।

सूची में सबसे नीचे हिज्ब का आतंकी एजाज :

जिला कुपवाड़ा में हिजबुल मुजाहिदीन के नेटवर्क को फिर से तैयार करने में जुटे आतंकी एजाज अहमद मलिक ने हालांकि किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम नहीं दिया है, लेकिन उसे 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में सबसे नीचे रखा गया है। हाफिज-ए-कुरान एजाज अहमद सितंबर 2018 को आतंकी बना था। उसका कोड सलमान फारसी है। वह जिला कुपवाड़ा के दारदसुन गांव का रहने वाला है।

समीर उर्फ बिल्लू की भी तलाश:

मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में जिला बांडीपोरा के हाजिन के रहने वाले समीर उर्फ बिल्लू का नाम नहीं है। लेकिन बीते साल वह भी मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में था। वर्ष 2017 से लश्कर में सक्रिय समीर पर सुरक्षाबलों ने सात लाख का इनाम घोषित कर रखा है।  

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