दिल्ली की बिगड़ती कला संस्कृति पर व्यंग्य

जागरण संवाददाता, जम्मू : विदेश प्रसारण प्रभाग की 75वीं एवं उर्दू की 50वीं जयंती के उपलक्ष्य में आकाश

By Edited By: Publish:Mon, 30 Mar 2015 02:30 AM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2015 02:30 AM (IST)
दिल्ली की बिगड़ती कला संस्कृति पर व्यंग्य

जागरण संवाददाता, जम्मू : विदेश प्रसारण प्रभाग की 75वीं एवं उर्दू की 50वीं जयंती के उपलक्ष्य में आकाशवाणी के विदेश प्रसारण और रेडियो कश्मीर जम्मू की ओर से आयोजित दो दिवसीय उर्दू नाट्योत्सव के दूसरे दिन मंचित नाटक 'गालिब इन न्यू दिल्ली' ने दिल्ली की बिगड़ती कला संस्कृति पर जोरदार व्यंग्य किया। नाटक में दर्शाया गया कि क्या होगा कि यदि गालिब वर्तमान समय में वापस इस दुनिया में आ जाएं। जम्मू विश्वविद्यालय के जनरल जोरावर सिंह सभागार में पियोरोण ट्रूप द्वारा मंचित नाटक के हर कलाकार ने अपनी भूमिका से दर्शकों को लोटपोट किया। डॉ. एम सईद आलम के लिखे एवं निर्देशित नाटक में गालिब की भूमिका भी उन्होंने ही निभाई। नाटक गालिब की ¨हदोस्तान में वापसी पर आधारित है। कहा जाता है कि गालिब को उनके दौर में वो शोहरत नहीं मिली थी, जो आज कल मिली हुई है। इसलिए ऊपर वाला फैसला करता है कि गालिब दोबारा जन्म ले सकते हैं। जिस ¨हदोस्तान में गालिब ने पहले जन्म लिया था, वो अब तीन हिस्सों में बंट चुका है। ¨हदोस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश। इसलिए गालिब को यह अधिकार दिया जाता है कि वह इन तीनों देशों में से कहीं भी जन्म ले सकते हैं। गालिब ¨हदोस्तान को चुनते हैं, वह भी दिल्ली। लेकिन दिल्ली अब नई दिल्ली में बदल चुकी है। क्या नई दिल्ली गालिब और गालिब नई दिल्ली पर खरा उतरते हैं या नहीं। नाटक में गालिब लोगों की भाषा से निराश, शिष्टाचार से परेशान, कला संस्कृति और बदले हालात से निराश दिखे। नाटक में वह अपने जमाने की संस्कृति और अब की संस्कृति की तुलना करते दिखते हैं। नाटक का हर दृश्य दर्शकों को लोटपोट करने वाला था। पूरे नाटक में दर्शक ठहाके लगाते दिखे।

गालिब की भूमिका में डॉ. एम सईद आलम ने प्रभावित किया। हरीश छाबड़ा, विजय गुप्ता, अंजु छाबड़ा, विष्णु शर्मा, रतन भाटिया, जय किरण चोपड़ा, यशराज मलिक, मनीष सिंह ने अपनी भूमिका से छाप छोड़ी। आमंत्रित मेहमानों का धन्यवाद निदेशक रेडियो कश्मीर जम्मू वीके संब्याल ने किया। उन्होंने बताया कि सोमवार को रेडियो कश्मीर जम्मू की ओर से केएल सहगल हाल में हास्य कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया है।

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