कुर्सी के लिए नहीं बेचेंगे पार्टी को मिला जनादेश : मुफ्ती

राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य में सरकार बनाने को लेकर जारी अटकलों पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए पीपुल्स

By Edited By: Publish:Sun, 25 Jan 2015 03:22 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jan 2015 01:30 AM (IST)
कुर्सी के लिए नहीं बेचेंगे पार्टी को मिला जनादेश : मुफ्ती

राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य में सरकार बनाने को लेकर जारी अटकलों पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के मुख्य संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा कि कुर्सी की खातिर पार्टी को मिले जनादेश को नहीं बेचेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ ट्रैक टू पर बातचीत चल रही है। अगर यह कामयाबी की तरफ बढ़ती है तो न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाकर बातचीत होगी। इसके साथ ही मुफ्ती ने अपनी पार्टी का एजेंडा स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत-पाक के बीच बातचीत शुरू करने, अफस्पा हटाने, अलगाववादियों के साथ बातचीत करने समेत अन्य मुद्दों पर हम समझौता नहीं करेंगे।

गांधी नगर स्थित पीडीपी मुख्यालय में पार्टी प्रधान चुनने को लेकर शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में नेताओं, कार्यकर्ताओं व डेलीगेटों को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के भले के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं। हमारी कोशिश है कि जम्मू-कश्मीर के दलदल में फंसे लोगों को निकाला जाए, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि वह पार्टी को मिले जनादेश का सौदा भी नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मौका है कि वे राज्य को शांति व तरक्की की तरफ ले जाएं। विकास से पहले जरूरी है कि राज्य में शांति स्थापित की जाए। मुफ्ती ने कहा कि राज्य में अमन का माहौल कायम करने के लिए भारत व पाकिस्तान के बीच बातचीत जरूरी है। अगर भारत व पाक के बीच तनाव होता है तो इसका नुकसान राज्य के लोगों को होता है। पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया जाए। उन्होंने अलगाववादियों के साथ बातचीत करने की वकालत करते हुए कहा कि कश्मीर में लोगों ने सत्तर प्रतिशत से अधिक वोट देकर लोकतंत्र में आस्था जताई है। पूर्व एनडीए सरकार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय भी हुर्रियत से बातचीत की गई थी। राज्य में आमर्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट को हटाने पर जोर देते हुए मुफ्ती ने कहा कि हमें यह बदनामी नहीं लेनी चाहिए। एक एजेंडे के तहत निर्धारित समय के भीतर अफस्पा को हटाना चाहिए। सिंधु जल संधि का जिक्र करते हुए मुफ्ती ने कहा कि इसमें जम्मू-कश्मीर के हितों का ख्याल नहीं रखा गया है। प्राकृतिक संसाधनों का पूरा हिस्सा नहीं मिल रहा है। सलाल और दुलहस्ती पावर प्रोजेक्ट को जम्मू-कश्मीर को देना चाहिए। विश्वास बहाली के कदमों को आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत पाक के बीच संबंध बेहतर होने से ही राज्य के हालात ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पीएम के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था, लेकिन बाद में विदेश सचिवों के स्तर की बातचीत रद होने से बातचीत बंद हो गई।

उन्होंने कहा कि कश्मीरी युवाओं को राज्य के बाहर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विश्वास बहाली के अभाव में कश्मीरी युवाओं को परेशानी पेश आती है। हम युवाओं के सम्मान को बहाल करना चाहते है, जिन्हें संदेह के साथ देखा जाता है। देश की आजादी के सत्तर वर्ष बीत जाने के बाद भी कश्मीरियों को अपनी विश्वसनीयता बतानी पड़ती है। मुफ्ती ने कहा कि हकीकत यह है कि कश्मीर में पीडीपी को 28 और जम्मू में भाजपा को 25 सीटें मिली हैं। लद्दाख में कांग्रेस को जनादेश मिला है। कूटनीतिक स्तर पर भाजपा के साथ हमारी बातचीत चल रही है। फिर न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर बातचीत होगी।

उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने दस जनपथ पर जाकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया था। वहीं वर्ष 2002 में जब हमारी व कांग्रेस की सरकार बनी थी तो उस समय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, अम्बिका सोनी ने कार्यक्रम बनाया था। मुफ्ती यह कहने से नहीं चूके कि सोनिया गांधी व प्रणब मुखर्जी उस समय उन्हें छह वर्ष तक सीएम बनने रहने देने के हक में थे, लेकिन बाद में पता नहीं क्या हुआ। उन्होंने एलओसी व्यापार को मजबूत करने पर भी जोर दिया।

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