मौत के साए में जीने को मजबूर रेलवे कर्मी

सूरत-ए-हाल जम्मू रेलवे स्टेशन -- बारिश के दिनों में तालाब में तब्दील हो जाता है रेलवे क्वार्टर

By Edited By: Publish:Sat, 01 Nov 2014 02:26 AM (IST) Updated:Sat, 01 Nov 2014 02:26 AM (IST)
मौत के साए में जीने को मजबूर रेलवे कर्मी

सूरत-ए-हाल जम्मू रेलवे स्टेशन

-- बारिश के दिनों में तालाब में तब्दील हो जाता है रेलवे क्वार्टर

-- साढ़े तीन दशकों से क्वार्टरों की नहीं हुई मरम्मत

दिनेश महाजन, जम्मू

छतों से गिरता मलबा, दीवारों से झड़ रहा सीमेंट, बाहरी दीवारों पर उगे पेड़ और जंगली घास। यह हालत है जम्मू रेलवे स्टेशन परिसर में रेल कर्मियों के लिए बने रिहायशी क्वार्टरों की। मरम्मत के अभाव में रेल कर्मियों के रिहायशी क्वार्टर इतनी जर्जर हालत में हैं कि कभी धराशाही होकर गिर सकते हैं। रेलवे कर्मचारियों की मानें तो उन्हें ऐसे प्रतीत होता है कि वह मौत के ताबूत में जीवन व्यतीत कर रहे है।

करीब साढ़े तीन दशक पूर्व रेलवे आरक्षण केंद्र के दाहिनी ओर रेल कर्मियों के रहने के लिए ईस्ट कॉलोनी का निर्माण किया था। साठ से सत्तर रिहायशी क्वार्टर बनाए गए हैं जिनमें रेलकर्मी अपने परिवार के साथ रहते हैं। कॉलोनी रेलवे के चौथी श्रेणी के कर्मचारी रहते हैं। लोगों को सबसे अधिक दिक्कत बारिश के दिनों में होती है। छतों व दीवारों से इतना पानी टपकता है कि वहां रहने वाले लोगों को मजबूर होकर अपने क्वार्टरों को खाली कर दूसरे के घरों में शरण लेनी पड़ती है। क्वार्टरों की बाहरी दीवारों में पेड़ व पौधे उग गए हैं, जिनसे दीवारों व छत को क्षति पहुंच रही है। मजबूर होकर रेलकर्मी अपने जेब से पैसे खर्च कर क्वार्टर में जरूरी मरम्मत कार्य करवाते हैं। कॉलोनी में पीने के पानी की भी खासी दिक्कत है। लोगों को पीने का पानी के टैंकर की मदद से मंगवाना पड़ता है।

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क्वार्टरों की मरम्मत के लिए एनआरएमयू ने छेड़ी है जंग

जम्मू : नार्दर्न रेलवे मैंस यूनियन (एनआरएमयू) के राज्य प्रधान सुभाष डोगरा के अनुसार रेल कर्मियों की ईस्ट कॉलोनी के रिहायशी क्वार्टरों की खस्ता हाल का मुद्दा उन्होंने फिरोजपुर डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष उठाया है। क्वार्टरों की मरम्मत की मांग को लेकर उन्होंने कई बार प्रदर्शन भी किया है, लेकिन अधिकारियों से आश्वासनों के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिल पाया है।

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आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता

जम्मू : रेलवे क्वार्टरों की खस्ता हाल का मुद्दा कई बार वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष उठाया गया है। हर बार कर्मचारियों को यह आश्वासन दिया जाता है कि जल्द मरम्मत कार्य शुरू होगा, लेकिन वर्षो के इंतजार के बावजूद मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

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मरम्मत के लिए पैसा जारी नहीं हो रहा : रेल अधिकारी

रेलवे की इंजीनियरिंग विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें क्वार्टरों की मरम्मत के लिए राशी जारी नहीं हो रही। उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को मरम्मत कार्य अंजाम देने के लिए प्रस्ताव बना कर भेजा है। धनराशी जारी होने की सूरत में ही क्वार्टरों की मरम्मत करवाई जा सकती है।

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