आखिरी मिनटों में भी हमारी टीम को सतर्क रहने की जरूरत है : अजित पाल

दुनिया की सभी टीमें जानती हैं कि भारतीय टीम आखिरी मिनटों में कैसा खेलती है। इसलिए हमारी टीम को अंतिम सेकेंड तक सतर्क होकर खेलना होगा।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Mon, 26 Nov 2018 08:41 PM (IST) Updated:Tue, 27 Nov 2018 10:50 AM (IST)
आखिरी मिनटों में भी हमारी टीम को सतर्क रहने की जरूरत है : अजित पाल
आखिरी मिनटों में भी हमारी टीम को सतर्क रहने की जरूरत है : अजित पाल

भारतीय हॉकी टीम 28 नवंबर से अपनी सरजमीं पर होने वाले विश्व कप में उतरने को कमर कस चुकी है, लेकिन विश्व कप में भारत का इतिहास अच्छा नहीं रहा। भारतीय हॉकी टीम ने अब तक सिर्फ एक बार 1975 में अजित पाल सिंह की कप्तानी में विश्व कप जीता है। मलेशिया के कुआलालंपुर में हुए उस विश्व कप के खिताबी मुकाबले में भारत ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 2-1 से हराकर विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया था। भारत को एकमात्र विश्व कप जीताने वाली टीम के कप्तान अजित पाल सिंह से उमेश राजपूत ने खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :-

-इस बार विश्व कप में भारतीय टीम से क्या उम्मीदें हैं?

--हमारी अपनी सरजमीं पर विश्व कप हो रहा है। ऐसे में स्टेडियम में हमारे अपने दर्शक होंगे तो टीम को उनका साथ भी मिलेगा। सभी को टीम से उम्मीदें भी काफी हैं। हर कोई चाहता है कि हमारी टीम अच्छा खेले। अच्छा परिणाम हासिल करे। कम से कम पदक तो लेकर आए। हमारी टीम पर अपने मैदान पर अपने दर्शकों और अपनी मीडिया के सामने अच्छा करने की चुनौती भी होगी। टीवी पर भी काफी लोग देख रहे होंगे। मुझे लगता है कि हमारी टीम को एक मौका मिला है तो उसे इसका फायदा उठाना चाहिए और अच्छा खेलना चाहिए।

-टीम की तैयारी पर क्या कहेंगे?

--टीम को तैयार करने के लिए बहुत कुछ किया गया है। विश्व कप के लिए खिलाड़ी को हर तरह से तैयार किया गया है। उनकी फिटनेस पर काफी ध्यान दिया गया है। टीम को अच्छा एक्सपोजर भी मिला है। हरेंद्र ने कोच के रूप में कड़ी मेहनत की है, लेकिन उनसे पहले टीम की बेहतरी के लिए विदेशी कोच भी लाए गए और उन पर काफी खर्चा भी किया गया। पिछले चार-पांच साल में हॉकी इंडिया ने टीम को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब टीम को इसे ध्यान में रखते हुए खेलना चाहिए।

-चाहें कोच हों, कप्तान या खिलाड़ी, पिछले कुछ महीनों में टीम में कई बदलाव हुए हैं। इन बदलावों को कैसे देखते हैं?

--मेरा मानना है विश्व कप के लिए यह सर्वश्रेष्ठ टीम है। टीम में कुछ बदलाव किए गए हैं, कोई चोट की वजह से टीम से बाहर है या किसी ने संन्यास ले लिया, ये सब हो चुका है और अब इन पर बात करने का कोई फायदा नहीं है। टीम जब चुनी जाती है तो देखा जाता है कि कौन से खिलाड़ी की टीम को जरूरत है। टीम में बदलाव होना या कोच का बदला जाना, ये सब चलता रहता है, लेकिन जो भी खिलाड़ी चुने गए हैं उन्हें एक टीम के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ करने की जरूरत होती है।

-हरेंद्र की कोचिंग के बारे में क्या कहेंगे?

--पहले हमारे पास विदेशी कोच थे, लेकिन अब एक भारतीय को मौका मिला है। हरेंद्र काफी काबिल कोच हैं। उनकी कोचिंग में टीम ने जूनियर विश्व कप भी जीता है। उन्हें मौका मिले ज्यादा समय नहीं हुआ है, फिर भी उन्होंने काफी मेहनत की है। उनकी कोचिंग पर अभी से अंगुली उठाना सही नहीं है। पहले उन्हें पूरा मौका दीजिए। हरेंद्र की कोचिंग में हमने चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा किया है।

-आखिरी मिनटों में गोल खाना और पेनाल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ की कमी खलना, हमारी टीम की ये दो कमजोरियां रही हैं। इन पर क्या कहेंगे?

--पेनाल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ तो टीम के पास हैं, लेकिन जहां तक आखिरी मिनटों में गोल खाने की बात है तो हम कई ऐसे मैच हार चुके हैं जिसमें हम जीत रहे होते हैं, लेकिन दूसरी टीम आखिरी मिनटों में पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में सफल रही और हम उस पर गोल खा बैठे और मैच गंवा दिया। यह हमारी पुरानी समस्या है। हमें इस बार आखिरी मिनटों में सतर्क रहना होगा, क्योंकि दुनिया की सभी टीमें जानती हैं कि भारतीय टीम आखिरी मिनटों में कैसा खेलती है। हमें यह समझना चाहिए कि टर्फ की हॉकी में आखिरी 10 सेकेंड तक भी खेल खत्म नहीं माना जा सकता। टर्फ पर किसी भी समय खेल बदल जाता है। इसलिए हमारी टीम को अंतिम सेकेंड तक सतर्क होकर खेलना होगा।

-आप 1975 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान हैं। आज इस बात की मन में कोई टीस रहती है कि उसके बाद कोई भारतीय टीम विश्व कप में पदक नहीं ला पाई?

-- यह बात बिलकुल सही है कि हम 43 साल से विश्व नहीं जीत पाए हैं, यहां तक कि हम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाए हैं। हमारे लिए तो यह बहुत बड़ा धक्का है। हमने तो भारतीय हॉकी का शीर्ष दौर देखा है। आज हमारी स्थिति यह है कि उस समय की तुलना में आज हम कहीं नहीं हैं, लेकिन अब मेरी चाहत है कि हम एक बार फिर विश्व कप जीतें। हमारी टीम के लड़कों को जीत के लिए खेलना चाहिए। इन्हें अंदाजा भी नहीं है कि यदि ये विश्व कप जीतते हैं तो इन्हें देश भर से कितना प्यार और सम्मान मिलेगा। मैं यह जानता हूं क्योंकि हमारी टीम को यह सब मिला था। इस टीम को भी ये सब मिलेगा, लेकिन एक बार जीत कर दिखाना होगा।

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