मनप्रीत सिंह और रानी रामपाल को टोक्यो ओलंपिक में टीमों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को लगता है कि अगर उनकी टीम अपनी शानदार मौजूदा फॉर्म को जारी रखती है तो उसमें टोक्यो में ओलंपिक पदक के चार दशक के सूखे को समाप्त करने की काबिलियत है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को लगता है कि अगर उनकी टीम अपनी शानदार मौजूदा फॉर्म को जारी रखती है तो उसमें टोक्यो में ओलंपिक पदक के चार दशक के सूखे को समाप्त करने की काबिलियत है। भारत ने अपने आठ ओलंपिक स्वर्ण पदकों का अंतिम पदक 1980 में ओलंपिक में जीता था जिसके बाद टीम का स्तर काफी तेजी से नीचे गिर गया। लेकिन, पिछले दो वर्षो में भारत ने अच्छी प्रगति की है।
मनप्रीत ने टोक्यो खेलों की 100 दिन की उलटी गिनती शुरू होने के मौके पर कहा, 'पहले तो, काफी लंबे समय बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेलना अच्छा था। मैं पिछले 18 महीनों में टीम की प्रगति से काफी खुश हूं। अगर हम इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखते हैं तो मुझे भरोसा है कि हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं।' भारतीय टीम ने हाल में एफआइएच प्रो लीग में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन अर्जेटीना को पराजित किया।
उन्होंने कहा, 'इस समय टीम के जज्बे का स्तर काफी ऊंचा है और जैसा कि मैंने पहले कहा कि हमें टोक्यो ओलंपिक से पहले अपने खेल को सुधारने के लिए प्रत्येक मौके का इस्तेमाल करना चाहिए। टीम में युवा काफी लंबे समय से खेल रहे हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह फॉर्म जारी रहेगी और हम रियो ओलंपिक से बेहतर प्रदर्शन दिखा सकेंगे।'
भारतीय पुरुष हॉकी टीम 2016 रियो ओलंपिक में निराशाजनक आठवें स्थान पर रही थी। मनप्रीत की तरह ही भारतीय महिला टीम की कप्तान रानी रामपाल को भी टोक्यो में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। महिला टीम इस महासमर के इतिहास में पहली बार लगातार ओलंपिक खेलेगी। रानी ने कहा, 'दुनिया की दूसरे नंबर की टीम अर्जेटीना और जर्मनी के खिलाफ इस साल के शुरू में अपनी टीम के जुझारू प्रदर्शन से मैं बहुत खुश हूं। निश्चित रूप से हम निराश हैं कि हम जीत दर्ज नहीं कर पाए, लेकिन हमने दिखाया कि हम अपने से ऊंची रैंकिंग के प्रतिद्वंद्वी को रोक सकते हैं। जर्मनी से लौटने के बाद हम अपनी फिनिशिंग और तकनीक पर काफी मेहनत कर रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि अगर हम इन अच्छे प्रदर्शन को नतीजों में तब्दील कर पाए तो हम भी ओलंपिक पदक की दौड़ में होंगे।'