महिला विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट के दौरान लंदन में दिखेंगे ध्यानचंद

महिला विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट के दौरान लंदन के क्वीन एलिजाबेथ ओलंपिक पार्क में एक चित्र प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Tue, 17 Jul 2018 09:33 PM (IST) Updated:Wed, 18 Jul 2018 10:58 AM (IST)
महिला विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट के दौरान लंदन में दिखेंगे ध्यानचंद
महिला विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट के दौरान लंदन में दिखेंगे ध्यानचंद

नई दिल्ली,जेएनएन। महिला वर्ल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट के दौरान लंदन के क्वीन एलिज़ाबेथ ओलिम्पिक पार्क में एक चित्र प्रदर्शनी लगाई जाएगी। 5 दशक, 50 चित्र नाम की इस प्रदर्शनी में 1974 के पहले महिला वर्ल्ड कप से लेकर अगले 50 साल तक के दुर्लभ चित्रों को उभारा जाएगा जिनमें ध्यानचंद के 50 साल पुराने हस्ताक्षरयुक्त चित्र होने के साथ ही उनकी तीसरी पीढ़ी की नेहा सिंह और तमाम हॉकी खिलाड़ियों और अहम घटनाओं के दर्लभ चित्र होंगे। ओलिम्पियन अशोक ध्यानचंद, पहली महिला हॉकी वर्ल्ड कप टीम की कप्तान अरजिंदर कौर, पूर्व कप्तान सूरजलता राजबीर कौर, ममता खरब और महिला हॉकी टीम के पूर्व भारतीय कोच - बालकिशन सिंह, बी. एस भंगू, सत्येंद्र वालिया, कर्नल बलबीर और एम.के. कौशिक ने इस चित्र प्रदर्शनी की सफलता की कामना की है। महिला वर्ल्ड कप 21 जुलाई से शुरू हो रहा है।

इस प्रदर्शनी के आयोजनकर्ता सुनील यश कालरा ने बताया कि इस फोटो प्रदर्शनी में हर दशक के सूरमा हॉकी खिलाड़ी और रीयल लाइफ चक दे इंडिया की कहानी दिखती है। उन्होंने कहा कि 1974 में महिलाओं का पहला वर्ल्ड कप घास पर हुआ था। तब संसाधनों की कमी थी। अरजिंदर कौर इस टीम की कप्तान थीं। वह इस प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि होंगी। अरजिंदर कौर ने कहा कि उस वर्ल्ड कप में हमने कैनवस के जूते और घर के सिले कपड़ों की जर्सी पहनी थी। यहां तक कि हमें बड़े आकार की हॉकी स्टिक दी गई थी। प्रदर्शनी में उस समय के चित्रों को खास तौर पर उभारा गया है लेकिन वहीं चार साल बाद हुए अगले वर्ल्ड कप में पॉलीग्रास आने से पूरा दृश्य बदल गया। एशियाड में गोल्ड जीतने वाली टीम की कप्तान और पद्मश्री एलीज़ा नेलसन ने कहा कि पॉलीग्रास पर गेंद कैसे रुकती है, कैसे आती है, हमें तब पता ही नहीं चलता था। इस वर्ल्ड कप के चित्रों में भी एक बड़ा बदलाव देखा जा सकता है।

पूर्व ओलिम्पियन अशोक ध्यानचंद ने कहा कि 1928 में ध्यानचंदजी सहित पूरी टीम ने पहली बार ओलिम्पिक हॉकी में भाग लेकर स्वर्णिम सफलता हासिल करके भारतीय हॉकी को दिशा दी। उन्होंने कहा कि ध्यानचंद परिवार के नौ सदस्यों का राष्ट्रीय टीम और राष्ट्रीय स्तर पर खेलना और तीसरी पीढ़ी में नेहा सिंह और प्रिया राठौर का इस खेल को शिद्दत से अपनाना अपने आप में बड़ी उपलब्धि रही। वह भारतीय हॉकी से जुड़े हर चित्र को इस प्रदर्शनी में उभारे जाने से बेहद खुश हैं और इस प्रदर्शनी की क़ामयाबी के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

इस प्रदर्शनी को लगाने वाले सुनील यश कालरा प्रो स्पोर्टीफाई के सीईओ हैं। महिला क्रिकेट टीम के इतिहासकार होने के अलावा इनकी पुस्तक `वूमैंस क्रिकेट वर्ल्ड कप` काफी चर्चित रही है। उन्हें हॉकी म्यूज़ियम, लंदन से इस प्रदर्शनी को आयोजित करने के लिए न्योता मिला था। वह इससे पहले चेन्नई में चैम्पियंस ट्रॉफी और 2010 में दिल्ली, लखनऊ और चंडीगढ़ में चित्र प्रदर्शनी लगा चुके हैं।

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