भगवान के समीप लाती है श्रीराम कथा : अतुल

क्षेत्र के स्वामी ¨पडी दास आश्रम अम्ब में चल रही श्री राम कथा के छठे दिन शुक्रवार को कई मनमोहक झाकियों व प्रसंगों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभौर कर दिया। कथा में भगवान श्रीराम का श्रृंगवेरपुर के घाट पर आगमन, केवट का भगवान से चरण धुलवाने के लिए प्रार्थना करना, श्रीराम को गंगा पार ले जाना, देवी सीता का गंगा पूजन एवं तीर्थराज प्रयाग की

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 04:18 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 04:18 PM (IST)
भगवान के समीप लाती 
है श्रीराम कथा : अतुल
भगवान के समीप लाती है श्रीराम कथा : अतुल

संवाद सहयोगी, अम्ब : क्षेत्र के स्वामी ¨पडी दास आश्रम अम्ब में श्रीराम कथा के छठे दिन शुक्रवार को कई मनमोहक झाकियों व प्रसंगों ने श्रद्धालुओं को भाव विभौर कर दिया। कथावाचक अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा हमें भगवान के समीप लाती है। प्रभु ¨चतन से असार संसार की आसक्ति स्वत: ही समाप्त हो जाती है। हम पात्र बनें तो परमात्मा स्वयं चले आएंगे। भगवान की कथा सुनते-सुनते अपने अंदर हम साक्षी भाव का सूरज उगने दें। साक्षी भाव की वृत्ति का उदय होते ही अंत: करण परम वैराग्य को प्राप्त हो जाता है। जो वैराग्य से भरा हुआ है वही ज्ञान को साधन बना कर मृत्यु को कुचल सकता है। जो प्रभुप्रेमी संसार से अनासक्त हैं, सचमुच वे महायोगी हैं। जड़ता के जीवन से मुक्त होकर परम चैतन्य की ओर यात्रा करना हमारा स्वभाव है। हमारी सुसुप्त योग्यताएं तभी विकसित होंगी जब हम आत्मतत्व के खोजी बनेंगे। परमात्मा का भजन पापी आदमी को भी निश्पाप बना देता है। ईश्वरीय प्रेम ही कभी नृत्य बन के छम-छम नाचता है, तो कभी संगीत बन कर भाव समुद्र का रूप लेता है। हम भगवान के हैं ओर भगवान हमारे हैं। इस सच्चाई को जितनी जल्दी स्वीकार कर लें अच्छा ही होगा। जो प्रीतिपूर्वक भजन करते हैं, उन्हें प्रभु बुद्धियोग प्रदान करते हैं। भगवान के सच्चे भक्त त्रिभुवन को पावन कर देते हैं। प्रभु की सेवा से ¨जदगी का रोना-धोना मुस्कान में बदल जाता है। कांटे फूल बन जाते हैं, न जाने कितनों ने मृत्यु को मोक्ष में बदल कर अपना जीवन सफल बना लिया।

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