दियोली सहकारी सभा का रिकॉर्ड तलब

पुलिस पर चौतरफा दबाव बढ़ता देख आखिर गगरेट पुलिस ने दियोली सहकारी सभा के गबन की जांच शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 10:49 PM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 06:23 AM (IST)
दियोली सहकारी सभा का रिकॉर्ड तलब
दियोली सहकारी सभा का रिकॉर्ड तलब

संवाद सहयोगी, गगरेट : पुलिस पर चौतरफा दबाव बढ़ता देख आखिर गगरेट पुलिस ने दियोली सहकारी सभा के गबन की जांच शुरू कर दी है। सहकारी सभा दियोली में खाताधारकों को अमानत की राशि न मिलने पर खाताधारकों ने सभा के खिलाफ जांच की मांग उठाई थी। सहकारी विभाग द्वारा इस सभा का विशेष ऑडिट किया गया था जिसमें 11 करोड़ 70 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया था।

सहकारिता विभाग ने इस मामले में पुलिस को जांच करने व सहकारी सभा सचिव के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा था लेकिन पुलिस इस मामले में सहकारिता विभाग से बार-बार एक ही बात कह रही थी कि इस सभा का ऑडिट करके आरोप तय कीजिए ताकि उसी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इस मामले में देरी को लेकर सभा प्रधान व खाताधारक मुख्यमंत्री के ऊना दौरे के दौरान मिले थे और अपनी समस्या से अवगत करवाया था। मुख्यमंत्री ने मामले में जांच को लेकर आश्वासन दिया था। क्या है पूरा मामला

दियोली सहकारी सभा में खाताधारकों और नई बनी कमेटी ने सभा सचिव के खिलाफ सहकारी सभा में शिकायत की थी जिसमें खाताधारकों को अमानत के पैसे न लौटाने की बात कही थी। सहकारी सभा द्वारा दियोली सभा का विशेष ऑडिट करवाया जिसमें 11 करोड़ 70 लाख गबन की बात सामने आई थी। सहकारी विभाग के ऑडिटर के अनुसार 830 एफडीआर ऐसी थीं जिनका सभा में कहीं भी उल्लेख नहीं था, लेकिन खाताधारकों के पास उनकी रसीद थी। खाताधारक लगातार सभा से अपनी अमानत राशि की मांग कर रहे हैं, लेकिन सभा में एक भी पैसा न होने के कारण सभा पैसे लौटाने में असमर्थ है। ऑडिट रिपोर्ट पर सभा के सचिव द्वारा भी सवाल उठाया गया है। सचिव के अनुसार ऑडिटर ने ऑडिट करते समय सभी दस्तावेज को नहीं देखा और एकतरफा रिपोर्ट तैयार कर दी है। पुलिस के सामने सबसे बड़ा पेंच यह है कि विभाग द्वारा गबन का आरोप किसी पर भी तय नहीं किया गया था। पुलिस विभाग बार बार विभाग को आरोप तय करने के लिए कह रहा था। खाताधारक जांच में धीमी गति को लेकर आवाज उठाने लगे तो पुलिस ने जांच शुरू कर दी। कुछ अनसुलझे सवाल भी हैं

सहकारिता विभाग के अनुसार 11 करोड़ 70 लाख का गबन है जबकि खाताधारकों का आरोप है यदि हर साल ऑडिट होता है तो इतना बड़ा गबन एक वर्ष में कैसे सम्भव है ।

सचिव ने इतने पैसे का कहां गबन किया, इसको लेकर भी सभी हैरान हैं, क्योंकि सभा सचिव के ऊपर अन्य बैंकों का भी कर्ज है।

सभा में इतना बड़ा गबन हो गया तो क्या विभाग के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं।

फिलहाल सभा के खाताधारक अपनी अमानत राशि को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं।

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ऑडिट की रिपोर्ट गलत है। जरूरी दस्तावेज और सभा के रजिस्टर को ऑडिट में नजरअंदाज किया गया है। सभा में कोई गबन नहीं हुआ है। जानबूझ कर मुझे फंसाया जा रहा है।

-जतिदर कुमार, सभा सचिव दियोली

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सहकारिता विभाग को आरोप तय करने के लिए कहा गया था लेकिन अभी तक आरोप तय नहीं हो पाए हैं। खाताधारकों द्वारा बार बार अपील करने पर पुलिस जांच में तेजी ला रही है और सभा के रिकॉर्ड को थाने में तलब किया गया है।

-सुशील कुमार, सह थाना प्रभारी गगरेट।

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