रेलवे स्टेशन चुरुड़ू समेत 160 कनाल भूमि होगी जब्त

जागरण संवाददाता, ऊना : किसानों को मुआवजा दिलवाने के लिए अदालत अब रेलवे स्टेशन चुरुड़ू समेत रेलवे की क

By Edited By: Publish:Fri, 17 Apr 2015 08:06 PM (IST) Updated:Fri, 17 Apr 2015 08:06 PM (IST)
रेलवे स्टेशन चुरुड़ू समेत
160 कनाल भूमि होगी जब्त

जागरण संवाददाता, ऊना : किसानों को मुआवजा दिलवाने के लिए अदालत अब रेलवे स्टेशन चुरुड़ू समेत रेलवे की करीब 160 कनाल भूमि को जब्त करेगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रभावित किसानों की ओर से अधिवक्ता अरुण सैणी ने शुक्रवार को रेलवे की इस संपत्ति की सूची अदालत को सौंप दी। रेलवे ने अगर दो मई तक प्रभावितों को मिलने वाली राशि स्थानीय अदालत में जमा नहीं करवाई तो अदालत कब्जे में ली जाने वाली भूमि को नीलाम कर मुआवजा अदा करेगी।

दिलवां के किसानों मेला राम व मदन लाल ने शुक्रवार को अदालत के निर्देश पर अधिवक्ता के माध्यम से चुरुड़ू के आसपास की करीब 160 कनाल भूमि जिसमें रेलवे स्टेशन चुरड़ू भी शामिल है, के राजस्व दस्तावेजों समेत संपत्ति की सूची अदालत में जमा करवा दी। किसान मदन लाल द्वारा रेलवे की करीब सौ खसरा नंबरों का ब्योरा जिसमें करीब सवा सौ कनाल भूमि व रेलवे स्टेशन भी शामिल है, उसकी सूची अदालत को सौंपी गई है। मेला राम ने करीब पंद्रह खसरा नंबरों वाली पैंतीस कनाल भूमि जिसमें रेलवे स्टेशन का कुछ हिस्सा आता है, उसकी सूची अदालत को सौंपी है। अदालत द्वारा अब एसडीएम अम्ब को निर्देश जारी कर इन खसरा नंबरों व संपत्ति को जब्त करना होगा। इसके बाद अदालत को सूचित करना होगा। यह प्रक्रिया दो मई तक पूरी करनी होगी। वर्ष 1998 में रेलवे द्वारा ऊना से अम्ब के बीच रेललाइन बिछाने के लिए कुछ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। इसमें दिलवां निवासी मेला राम व मदन लाल की भी भूमि रेलवे लाइन में आई थी। इन किसानों को आज तक करीब पैंतीस लाख रुपये मुआवजा नहीं मिल सका है। मुआवजा न मिलने पर अदालत ने जनशताब्दी ट्रेन को जब्त कर किसानों को देने का आदेश दिया था। बाद में रेलवे द्वारा ड्राफ्ट जमा करवाने पर ट्रेन को जब्त नहीं किया गया था। प्रभावितों ने ट्रेन के बदले रेलवे की दूसरी संपत्ति की मांग की थी। प्रभावितों के अधिवक्ता अरुण सैणी का कहना है कि अदालत ने निर्देश दिए थे। इसके तहत उन्होंने दूसरे दिन ही रेलवे की किसी दूसरी संपत्ति के दस्तावेज अदालत को सौंप दिए हैं जिसमें रेलवे स्टेशन चुरुड़ू भी शामिल है। वहीं, रेलवे के अधिवक्ता एमएल शर्मा का कहना है कि सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल अदालत के आदेश की प्रतिलिपि नहीं मिली है। प्रतिलिपि मिलते ही निर्णय लिया जाएगा।

रेलवे के सामने क्या है विकल्प

रेलवे प्रभावित किसानों को मिलने वाला मुआवजा स्थानीय अदालत में दो मई से पूर्व जमा करवाती है तो संपत्ति जब्त होने से बच सकती है। इसमें अगर विलंब हुआ तो रेलवे पर फिर मुसीबत आ सकती है।

क्या हो सकती है कार्रवाई

दो मई तक अदालत के आदेश पर संपत्ति जब्त की जाएगी। इसकी सूचना दो मई से पूर्व राजस्व विभाग को अदालत को देनी होगी। इसके बाद अदालत इस संपत्ति की खुली बोली कराकर जो राशि प्राप्त होगी, उसे किसानों को मुआवजे के तौर पर उपलब्ध कराएगी।

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