कुनिहार स्कूल भवन असुरक्षित जिला प्रशासन ने खाली करवाया

कुनिहार में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला की जर्जर स्थिती को देखते हुए उसे खाली करवा दिया गया है। अब यहां पढने वाले बच्?चों को अपनी पढाई की चिता सताने लगी है लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा स्?कूली बच्?चों के बैठने का इंतजाम नहीं हो पाया है। ऐसे में अब बच्?चों की पढाई प्रभावित होने की चिता बच्?चों के परिजनों को सताने लगी है। परिजनों का कहना है कि पहले स्?कूल असुरक्षित घोषित किया गया और उसके बाद उसे खाली करवा दिया गया है लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी वैकल्पिक प्रबंध नहीं किए गए हैं। शिक्षा विभाग की खामियों का नुकसान अब उनके बच्?चों को भुगतना पड रहा है। हालांकि स्?कूल प्रशासन का

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 05:29 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:25 AM (IST)
कुनिहार स्कूल भवन असुरक्षित 
जिला प्रशासन ने खाली करवाया
कुनिहार स्कूल भवन असुरक्षित जिला प्रशासन ने खाली करवाया

देवेंद्र तनवर, कुनिहार

कुनिहार में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला की जर्जर हालत को देखते हुए उसे खाली करवा दिया गया है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा बच्चों के बैठने का इंतजाम नहीं किया है। इस भवन में जमा एक व जमा दो कक्षा के विद्यार्थी बैठते थे।

ऐसे में परिजनों को बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने की चिता सताने लगी है। पहले स्कूल असुरक्षित घोषित किया गया और उसके बाद उसे खाली करवा दिया गया है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई वैकल्पिक प्रबंध नहीं किए गए। शिक्षा विभाग की खामियों का नुकसान अब उनके बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि स्कूल प्रशासन का कहना है कि जब तक वैकल्पिक भवन का इंतजाम नहीं होता तब तक बच्चों की खुले आसमान तले कक्षाएं लगाई जाएंगी।

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार की वर्ष 1984 में निर्मित पुरानी व जर्जर इमारत को उपायुक्त सोलन की ओर से गिराने का आदेश जारी कर दिया है। इसके चलते विद्यालय प्रशासन ने उक्त इमारत में चलने वाली कक्षाओं के लिए किराये के अतिरिक्त भवन की मांग की है।

जानकारी के अनुसार 1984 में राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार की इमारत का निर्माण किया गया था। इसमें वर्तमान में जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान की प्रयोगशालाएं व तीन कक्षा कमरों के अतिरिक्त एक परीक्षा हॉल निर्मित था। इसमें कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था कर रखी थी। पुरानी व जर्जर इमारत होने की वजह से छह नवंबर को उपायुक्त सोलन द्वारा आदेश जारी किया गया। इसकी वजह से उक्त इमारत में बैठने वाले स्कूली बच्चों को बैठने के लिए अतिरिक्त भवन ही नहीं है।

स्कूल प्रशासन ने अब शिक्षा उप निदेशक उच्चतर को लिखित मांग पत्र देकर कहा कि पुरानी इमारत को गिराए जाने के आदेश के पश्चात विद्यार्थियों को बैठने के लिए अतिरिक्त भवन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में इतने कमरे नहीं है जहां पर विद्यार्थियों को बिठाया जा सके। स्कूल प्रशासन ने पुरानी इमारत में चलने वाली कक्षाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए किराए के एक निजी भवन की भी मांग की है।

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1984 में निर्मित पुरानी जर्जर इमारत को गिराए जाने का आदेश उपायुक्त सोलन से मिला है। उक्त इमारत में कक्षा जमा एक व जमा दो के विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था थी। इसके अतिरिक्त एक परीक्षा हॉल व प्रयोगशाला भी चलाई जा रही थी। स्कूल प्रशासन ने उप निदेशक उच्च शिक्षा उच्चतर से अतिरिक्त इमारत की मांग की है। स्कूल के 200 बच्चे इससे प्रभावित हो रहे हैं। कक्षाएं मैदान में खुले आसमान के नीचे लगाने का फैसला लिया है।

-भूपेंद्र ठाकुर, प्रधानाचार्य, राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मामला मेरे संज्ञान में है। जल्द ही कक्षाओं को चलाने के लिए किराये पर कमरे या किसी विभाग के खाली कमरों का इस्तेमाल किया जाएगा।

-विकास शुक्ला, एसडीएम अर्की।

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