ट्रैफिक जाम से बाहर निकालेगी हैमर कार

वाकनाघाट स्थित बाहरा यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल और ऑटोमोबाइल इंजीनिय¨रग के छात्रों की टीम ने हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए एक कार तैयार की है। सड़क पर वाहनों की बढ़ती मात्रा के साथ, एम्बुलेंस, फायर ट्रक जैसे उपयोगी वाहनों को कभी-कभी देरी का सामना करना पड़ता है। इसके परिणाम स्वरूप जीवन की हानि या संपत्ति को गंभीर नुकसान हो सकता है। ऐसी स्थिति में यह कार उपयोगी साबित होगी। हैमर नाम की इस कार को आवश्यक उपकरणों के साथ लैस करने पर एक आपातकालीन वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। बाहरा विवि के कुलपति डॉ सतीश कुमार ने बताया कि इस कार को विशेषत: बहुउद्देशीय वाहन जैसे कि एम्बुलेंस या फायर वाहन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 10:14 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 10:14 PM (IST)
ट्रैफिक जाम से बाहर निकालेगी हैमर कार
ट्रैफिक जाम से बाहर निकालेगी हैमर कार

जागरण संवाददाता, सोलन : वाकनाघाट स्थित बाहरा यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के छात्रों ने दुर्गम क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए एक कार तैयार की है। सड़क पर यातायात जाम लगने से एंबुलेंस, फायर टैंडर जैसे वाहनों को कभी-कभी देरी का सामना करना पड़ता है। इसके परिणाम स्वरूप जीवन की हानि या संपत्ति को नुकसान हो सकता है। ऐसी स्थिति में यह कार उपयोगी साबित होगी। हैमर नाम की इस कार को आवश्यक उपकरणों के साथ लेस करने पर एक आपातकालीन वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। बाहरा विवि के कुलपति डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि इस कार को एंबुलेंस या फायर वाहन के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अन्य वाहनों के स्पेयर पार्ट से निर्मित इस कार को बनाने में तकरीबन 40 हजार लागत आई है। डॉ. सतीश ने बताया कि यह तीन पहियों वाली कार है, जिसे आपात स्थितियों में फंसे लोगों व मरीजों के बचाव में मदद मिलेगी। लोगों को बाइक की कीमत पर इस कार को प्रदान करना चाहते हैं, जो दोपहिया वाहन की तुलना में अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित होगी।

स्कूल ऑफ इंजीनिय¨रग के छात्र तुषार गुप्ता, हर्षित शर्मा, र¨वद्र परिहार, विक्रम नेगी व अमन ठाकुर की टीम ने बाहरा यूनिवर्सिटी की वर्कशॉप में 400 घंटों की कड़ी मेहनत से इस कार को बनाया है। तुषार गुप्ता ने बताया कि मैकेनिकल इंजीनिय¨रग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विकास उचारिया, असिस्टेंट प्रोफेसर प्रशांत चौधरी व रूपेंद्र कंवर ने उनका मार्गदर्शन किया। तुषार ने बताया कि अभी हैमर प्रोटोटाइप के रूप में बनाई गई है, लेकिन अगर सरकार से आर्थिक मदद मिले तो इसे और विकसित किया जा सकता है। दो सीटों वाली इस कार में पल्सर 150 सीसी इंजन का उपयोग किया गया है व तीनों पहियों में डिस्क ब्रेक इस्तेमाल की गई है। इस कार की गति 60 किलोमीटर प्रतिघंटा है और इसमें करीब 10 लीटर क्षमता का इंधन टैंक लगाया गया है, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। इस मॉडल के अधिकांश भाग छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय की कार्यशाला में स्वयं तैयार किए गए हैं।

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