बंद कारखाने में पशुओं की दवाएं बनाने वाले दबोचे

संवाद सूत्र, नाहन : औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में बंद पड़े कारखाने में अवैध रूप से पशुओं की दवाएं बना

By Edited By: Publish:Sun, 13 Mar 2016 07:40 PM (IST) Updated:Sun, 13 Mar 2016 07:40 PM (IST)
बंद कारखाने में पशुओं की
दवाएं बनाने वाले दबोचे

संवाद सूत्र, नाहन : औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में बंद पड़े कारखाने में अवैध रूप से पशुओं की दवाएं बनाने के मामले का भंडाफोड़ हुआ है। राज्य ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह की टीम ने शनिवार रात छापा मारकर पशुओं को दी जाने वाली दवाओं के 20 डिब्बे जब्त किए है। दवाएं नकली है या असली, इसका खुलासा फोरेसिक रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा। ड्रग एंड कॉस्मेटिक की धारा 36 एसी के तहत एफआइआर दर्ज करने के लिए देर सायं तक कागजी कार्रवाई में लगा हुआ था।

ड्रग कंट्रोलर विभाग को शिकायतें मिल रही थी कि वर्धमान कारखाने में न्यायालय द्वारा दवा बनाने पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद अवैध रूप से दवाओं का निर्माण हो रहा है। शनिवार रात आठ बजे विभाग की टीम ने कालाअंब पुलिस के सहयोग से छापा मारा। टीम को फैक्ट्री में से दवा बनाने का कच्चा माल व पशुओं को दी जाने वाली दवाएं मिली। टीम में सहायक ड्रग कंट्रोलर आरके चौधरी, ड्रग कंट्रोलर सन्नी कौशल, वरिष्ठ ड्रग इस्पेक्टर गरिमा, कमलेश, सुरेश, आशिमा आदि शामिल थे। मरवाह ने बताया कि करीब ढाई वर्ष पूर्व भी कंपनी पर नकली दवाएं बनाने का मामला दर्ज किया गया था जोकि अदालत में विचाराधीन है। अदालत ने प्रतिबंध लगाते हुए दवा न बनाने के आदेश जारी किए गए थे। बावजूद इसके दवाओं का निर्माण किया जा रहा था।

थाना प्रभारी कालाअंब योगेंद्र सिंह ने बताया कि अभी विभाग द्वारा कुछ दस्तावेज दिए जाने है। उसके बाद ही एफआइआर दर्ज की जाएगी। अभी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। सूत्र बताते है कि पिछले मामले में चूक रहने के कारण इस बार ड्रग कंट्रोलर पूरी तैयारी कर मामला दर्ज करवाएगा, जिसमें आइपीसी की धारा 420 व अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हो सकती है। इससे फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

दवाएं नहीं बन रहीं

वर्धमान फैक्ट्री के मालिक माम चंद जैन का कहना है कि ड्रग कंट्रोलर विभाग ने रात को दीवार फादकर फैक्ट्री के दो कर्मचारियों के साथ मारपीट की। कारखाना ढाई वर्ष से बंद पड़ा है। यहां मरम्मत कार्य चलने का बोर्ड भी लगा है। किसी भी प्रकार की दवा का निर्माण नहीं किया जा रहा है।

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