खनेरी अस्पताल में अव्यवस्था पर किया प्रदर्शन

महात्मा गांधी चिकित्सा अस्पताल खनेरी की एक्सरे मशीन सात माह से

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:30 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:30 PM (IST)
खनेरी अस्पताल में अव्यवस्था पर किया प्रदर्शन
खनेरी अस्पताल में अव्यवस्था पर किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : महात्मा गांधी चिकित्सा अस्पताल खनेरी की एक्सरे मशीन सात माह से खराब होने व दवाओं की बढ़ती कीमतों के विरोध में शुक्रवार को मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की रामपुर इकाई ने विरोध प्रदर्शन कर एमएस के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा। चेताया कि यदि समय रहते मांगों पर गौर नहीं किया गया तो जनता को लामबंद कर आंदोलन को तेज किया जाएगा।

सीपीएम लोकल कमेटी सचिव कुलदीप सिंह ने कहा प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य संबंधी नीतियों के कारण आज खनेरी अस्पताल ही हालत काफी बदतर है। अस्पताल में सात माह से एक्सरे मशीन खराब पड़ी है। इसके स्थान पर नई मशीन लगाने के लिए प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाए। इस कारण गरीब मरीजों को निजी क्लीनिकों में लूटने को मजबूर होना पड़ रहा है। दूसरी ओर इतने बड़े अस्पताल में एनेस्थीसिया का एक डाक्टर है और यदि वह अवकाश पर चले जाए तो मरीजों को कई प्रकार की दिक्कतों से परेशान होना पड़ता है। इस तरह की कई घटनाएं खनेरी अस्पताल में पहले भी घटित हो चुकी हैं।

अस्पताल में फैली अव्यवस्था से एक बेड पर दो मरीजों को रखा जा रहा है। उन्होंने सरकार से खनेरी अस्पताल में उक्त सभी मांगों को जल्द से जल्द पूरी करने की मांग की है ताकि चार जिलों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। इस मौके पर दिनेश मेहता, प्रेम, बिहारी सेवगी, कविता कंटू, अमित, राजेश, रमन शर्मा, अशोक, प्रकाश भलुनी, उत्तम, संसारी, कपिल, आशा, निम्मू, सेवा दासी, रविद्र जिष्टु के साथ अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

ट्रामा सेंटर का कार्य धीमी गति से व सरकारी लैब नहीं हो रहे टेस्ट

ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य बहुत धीमी गति से चलाया हुआ है, जिससे मरीजों को समय पर जो सुविधा मिलनी चाहिए थी नहीं मिल पा रही है। अस्पताल में सभी प्रकार के टेस्ट मुफ्त नहीं हो पा रहे हैं और कई टेस्ट जो सरकारी लैब में नहीं हो पा रहे हैं। इससे मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक में महंगे दाम पर टेस्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं। कुछ टेस्ट तो ऐसे हैं जो सरकारी लैब में नहीं होते हैं।

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