सर्दी में कार चलाते समय ये लापरवाही पड़ सकती है जान पर भारी

सदियों में कार से सफर करते समय इन बातों का हमेशा ध्‍यान रखें, कहीं ऐसा न हो कि छोटी सी लापरवाही खतरनाक साबित हो जाये।

By BabitaEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 12:23 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 12:23 PM (IST)
सर्दी में कार चलाते समय ये लापरवाही पड़ सकती है जान पर भारी
सर्दी में कार चलाते समय ये लापरवाही पड़ सकती है जान पर भारी

शिमला, राज्य ब्यूरो। अगर आप बच्चों के साथ अपने वाहन में सफर कर रहे हैं तो हीटर चालू न रखें। वाहन को लॉक करने के बाद बच्चों को भीतर अकेला न छोड़ें। अगर हीटर ऑन हुआ तो यह बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। गाड़ी के भीतर ऑक्सीजन के अभाव में दम घुटने से मौत तक हो सकती है। गाड़ी को आग लगने का भी खतरा रहता है। 

सर्दी में ज्यादा ठिठुरन लगे तो उस स्थिति में भी गाड़ी के शीशे थोड़े खुले रखें, ताकि ताजी हवा आती रहे। इससे बंद गाड़ी में कोई नुकसान नहीं हो पाएगा। कई बार हल्की सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। पहले गाड़ियां मैन्युअल खुलती थी। हाईटेक होने से इनमें सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम आया। यह लॉक लगने से बंद गाड़ी में अंदर बैठा व्यक्ति बाहर नहीं आ पाएगा, जब तक कि इसे रिमोट से न खोला जाए

एसी के मामले में भी बरतें सावधानियां

इसी तरह से गर्मी के दिनों में एसी चालू करते वक्त भी अतिरिक्त एहतियात बरतें। वाहन चलाने वाला अगर कहीं खरीदारी करने या बाजार जा रहा हो तो खड़ी गाड़ी में इसे चालू न रखें।

दिल्ली, चड़ीगढ़ में कई घटनाएं ऐसी हो चुकी हैं, जहां हीटर चालू रखने से दम घुटे हों। हिमाचल में ऐसे हालात नहीं आए हैं पर गाड़ियों की संख्या बढ़ने से सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। बंद गाड़ी में हीटर लगाते समय शीशे इतने खुले रखें कि हवा आती रहे। बच्चों को बंद गाड़ी में  हीटर ऑन रखकर कहीं बाहर न जाएं। इससे दम घुट सकता है।

-वीरेंद्र कंवर, पूर्व एसपी।

कार में ब्लोअर चलाने से करें परहेज

ठंड के दिनों में कुछ लोग कार में ब्लोअर चला देते हैं। चूंकि इस गर्म हवा में मौजूद विषैली गैसों के बाहर निकलने का रास्ता नहीं होता है लिहाजा कभी-कभी ये जानलेवा भी हो सकता है। ऐसे में एहतियात बरतें और यात्रा के दौरान सुरक्षित रहें।

जानलेवा है कार्बन मोनोऑक्साइड

बंद कार में ब्लोअर चलाकर लोग सो जाते हैं। इससे कार में कार्बन मोनो आक्साइड गैस बन जाती है जिससे जान जाने का खतरा होता है। ऐसे समय में कार के वेंटिलेशन मोड का इस्तेमाल करें। दो घंटे के सफर के बाद कार को आराम दें और रेडिएटर चेक कर लें। बंद कार में ब्लोअर चलाकर न बैठें। इंजन का तापमान चेक करें, ज्यादा लगे तो रेडिएटर में पानी डालें।

 

बच्चों की मौजूदगी में सजग रहें 

कई बार लोग कार में एसी चलाकर बच्चे को अंदर बैठाकर मार्केट करने चले जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बंद कार में एक घंटे तक एसी चलने से भी कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बन सकती है। जो किसी की जान ले सकती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि कार के शीशे थोड़े खुले रखें जिससे अंदर ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहे। 

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