डॉ. मुकुंद के तबादला आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

मेडिकल कॉलेज शिमला का प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया था। उस समय हिमाचल में इस तरह का कोई अन्य का पद नहीं था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि यह स्थानांतरण आदेश डॉ रजनीश पठानिया को एडजस्ट करने के लिए पारित किए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 06:24 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:24 PM (IST)
डॉ. मुकुंद के तबादला आदेश पर हाईकोर्ट की रोक
डॉ. मुकुंद के तबादला आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

विधि संवाददाता, शिमला

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) के प्रिसिपल डॉ. मुकुंद लाल के तबादला आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। सरकार ने 16 नवंबर को ही डॉ. मुकुंद का तबादला मेडिकल कॉलेज नाहन के लिए किया था। वरिष्ठ न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने डॉ. मुकुंद की दायर याचिका की सुनवाई के बाद उपरोक्त अंतरिम आदेश पारित किए और प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है।

हिमाचल सरकार ने डॉ. मुकुंद को आइजीएमसी से मेडिकल कॉलेज नाहन स्थानांतरित किया था। डॉ. रजनीश पठानिया को आइजीएमसी का प्रिसिपल नियुक्त किया था। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार इस स्थानांतरण आदेश से याचिकाकर्ता के करियर को प्रभावित किया गया है। उनका स्थानांतरण विभाग ने नियमों को दरकिनार कर किया है। प्रार्थी को 25 जून 2019 को पदोन्नत कर आइजीएमसी का प्रधानाचार्य नियुक्त किया था। उस समय हिमाचल में इस तरह का कोई अन्य का पद नहीं था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि यह स्थानांतरण आदेश डॉ. रजनीश को एडजस्ट करने के लिए पारित किए हैं। याचिकाकर्ता ने याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में स्पेशलिस्ट है। इसके लिए उन्होंने 2007 में जर्मनी से प्रशिक्षण लिया था। वह एक हफ्ते में छह से नौ रोगियों की सर्जरी करते हैं। मेडिकल कॉलेज नहान में इस सर्जरी के लिए उपयुक्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। मामले पर सुनवाई चार दिसंबर को होगी।

chat bot
आपका साथी