डेंटल कॉलेज में उपकरण खरीद प्रक्रिया पर फिर सवाल

म (गर्वमेंट इ मार्केट) से खरीदे गए है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Feb 2019 09:20 PM (IST) Updated:Thu, 14 Feb 2019 09:20 PM (IST)
डेंटल कॉलेज में उपकरण खरीद प्रक्रिया पर फिर सवाल
डेंटल कॉलेज में उपकरण खरीद प्रक्रिया पर फिर सवाल

अजय बन्याल, शिमला

डेंटल कॉलेज शिमला में घटिया किस्म के ऑटोक्लेव खरीदे हैं। इसका खुलासा तब हो गया जब नया ऑटोक्लेव तीन दिन के भीतर ही फट गया है। कॉलेज प्रबंधन ने नए ऑटोक्लेव जैम (गवर्मेट ई मार्केट) से खरीदे हैं, लेकिन हैरानी तो इस बात कि है कि ये ऑटोक्लेव कॉलेज के प्रधानाचार्य आशू गुप्ता, जिस विभाग के एचओडी है उसी में लगा था। अगर अच्छी गुणवत्ता का ऑटोक्लेव होता तो तीन दिन के भीतर फटता नहीं। इस पूरे घटनाक्रम के बाद कॉलेज प्रबंधन के पर सवाल उठ रहे हैं। साथ ही साथ जैम में पंजीकृत कंपनियों के प्रोडक्ट भी सवालों के घेरे में हैं। दो सप्ताह पहले ही छह नए ऑटोक्लेव खरीदे गए थे। असल में नियमों के मुताबिक 50 हजार से कम की खरीद जैम के माध्यम से की जा सकती है। इस तरह कॉलेज प्रबंधन ने जैम में ऑटोक्लेव के बारे सिफेसीकेशन डाली थी। कई एल 1 कंपनियों ने अपने रेट दिए, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने सबसे कम रेट देने वाली कंपनी के ऑटोक्लेव ही खरीदे। ऐसे में सस्ते के चक्कर में गुणवत्ता के साथ समझौता होता दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक सिर्फ तीन बार ही इस नए ऑटोक्लेव का इस्तेमाल किया था। एक ऑटोक्लेव ओरल मेडिसिन रेडियोलॉजी में लगा था। ये भी पिछले तीन दिन से लीक कर रहा है। डेंटल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों के मुताबिक नया ऑटोक्लेव तीन दिन में फट जाए तो जांच होनी ही चाहिए।

---------

15 साल से एक कर्मी के पास खरीद का जिम्मा

डेंटल कॉलेज के सूत्रों के मुताबिक 15 साल से एक कर्मी ही खरीद-फरोख्त का जिम्मा संभाल रहा है। आखिर ऐसी क्या वजह है कि इतने साल में खरीद का जिम्मा एक ही कर्मी के पास है। डेंटल कॉलेज उपकरण खरीद में हमेशा विवादों में रहा है। पहले भी ऐसे मामले हो चुके हैं। कुछ वर्ष पूर्व डेंटल चेयर खरीदी थी। तब भी काफी विवाद हुआ है। कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने विजिलेंस में शिकायत कर दी है।

-----------

अभी मैं बाहर हूं। इसके बारे में ज्यादा नहीं बता सकता। 16 फरवरी को वापस आ जाऊंगा। घटना की जांच करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा। हमने तो जैम में पंजीकृत कंपनी से ही खरीद की है।

chat bot
आपका साथी