अमेरिका में सराहा अजय शर्मा का न्यूटन के तीसरे नियम में संशोधन

अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स कांफ्रेंस में वैज्ञानिकों ने माना कि न्यूटन के 312 वर्ष पुराने तीसरे नियम में कुछ खामियां हैं।

By Edited By: Publish:Sat, 18 Aug 2018 08:26 PM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 04:43 PM (IST)
अमेरिका में सराहा अजय शर्मा का न्यूटन के तीसरे नियम में संशोधन
अमेरिका में सराहा अजय शर्मा का न्यूटन के तीसरे नियम में संशोधन

राज्य ब्यूरो, शिमला : अमेरिका में शिमला निवासी भौतिक वैज्ञानिक अजय शर्मा द्वारा न्यूटन के तीसरे नियम में सुझाए गए संशोधन को सराहा गया है। अजय शर्मा वाशिंगटन में हाल ही में आयोजित अमेरिकन एसोसिएसन ऑफ फिजिक्स टीचर्स कांफ्रेंस में शामिल होने गए थे। उन्होंने वहां न्यूटन के तीसरे नियम में संशोधन पर शोध प्रस्तुत किया। हिमाचल के सरकारी स्कूल में पढ़े अजय शर्मा ने 35 वर्ष पहले न्यूटन के नियम को संशोधित करने का सपना देखा था। अब अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स कांफ्रेंस में वैज्ञानिकों ने माना कि न्यूटन के 312 वर्ष पुराने तीसरे नियम में कुछ खामियां हैं।

अजय का शोध ऑनलाइन उपलब्ध है। उनका शोधपत्र वर्ष 2016 में अमेरिकन कनाडियन अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका फिजिक्स ऐशेज में वैज्ञानिक जाच पड़ताल के बाद प्रकाशित हो चुका है। महत्वपूर्ण है वस्तु का आकार अजय शर्मा के अनुसार न्यूटन के तीसरे नियम के मुताबिक जब दो वस्तुएं आपस में टकराती हैं तो वस्तु का आकार महत्वहीन है। इस तरह क्रिया व प्रतिक्रिया हमेशा बराबर व विपरीत होती है। शोध के मुताबिक 100 ग्राम भार की वस्तु गोलाकार, अर्धगोलाकार, छतरीनुमा, सपाट या अनियमित आकार की भी हो सकती है। वस्तु का आकार महत्वपूर्ण है। इसका सटीक अध्ययन न्यूटन के तीसरे नियम के संबंध में नहीं किया गया है। अजय शर्मा ने इस साल 16 मार्च से 20 मार्च तक आयोजित 105वीं इंडियन साइंस कांग्रेस में भी यह शोध प्रस्तुत किया था। फ्रासीसी वैज्ञानिक ने बताया शोध को उपयोगी अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जनरल फाउंडेशन ऑफ फिजिक्स के चीफ एडिटर फ्रासीसी वैज्ञानिक प्रो. कारलों रोबैली ने इस साल 10 जून को अपनी रिपोर्ट में अजय के शोध कार्य को अति महत्वपूर्ण व उपयोगी बताया। उन्होंने अजय को प्रयोगात्मक आकड़े प्रस्तुत करने को कहा था। इसी प्रकार देश के भौतिक वैज्ञानिकों ने भी अजय को सुझाव दिया है कि चरणबद्ध प्रयोगों के माध्यम से न्यूटन के नियम की खामियो को सामने लाएं। खामी सिद्ध हुई तो भारत नोबेल पुरस्कार का हकदार कांफ्रेंस में एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा कि यदि अजय अपने शोध में सुझाए गए प्रयोगों से तीसरे नियम की खामी सिद्ध कर देते हैं तो भारत नोबेल पुरस्कार का हकदार होगा।

नरेंद्र मोदी व डॉ. हर्षवर्धन से किया आग्रह अजय शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से आग्रह किया है कि उनके शोध को प्रमाणिकता प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाएं। हर्षवर्धन ने गत 16 जुलाई को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे। अजय ने कहा कि विदेशी धरती पर विज्ञान के आधारभूत नियमों में संशोधन की खामियों को उजागर किया जा चुका है।

chat bot
आपका साथी