निजी बस ऑपरेटरों ने दी आत्मदाह की चेतावनी

निजी बस ऑपरेटरों ने आत्मदाह की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगे नही मानी गयी तो आंदोलन उग्र कर देंगे।

By Edited By: Publish:Fri, 07 Sep 2018 08:53 PM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 07:50 AM (IST)
निजी बस ऑपरेटरों ने दी आत्मदाह की चेतावनी
निजी बस ऑपरेटरों ने दी आत्मदाह की चेतावनी

शिमला, रमेश सिंगटा। निजी बस ऑपरेटरों ने आत्मदाह की चेतावनी दी है। ऑपरेटर 10 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। अगर सरकार ने इनकी मांगें नहीं मांगी तो ये आंदोलन उग्र कर देंगे। हड़ताल के दौरान टैक्सी ट्रेवलर भी नहीं चलने देंगे। पहले शांतिपूर्ण हड़ताल होगी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से इसे आमरण अनशन में तबदील किया जाएगा। इसके बाद इसे और उग्र कर चक्का जाम होगा। आंदोलन के दौरान आत्मदाह जैसा कदम भी उठाया जा सकता है।

निजी बस चालकों का तर्क है कि वे बैंकों के कर्ज तले दबे हुए हैं। परिवहन उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। सरकार कोई सहयोग नहीं कर रही है। आलम यह है कि वे निजी बसों को सरकार को किराये पर देने को भी तैयार हैं। बैंक वाले बसों को उठाकर ले रहे हैं। कई ऑपरेटर बैंकों के डिफाल्टर बन गए हैं। हिमाचल में निजी और सरकारी बसों का बराबर का बेड़ा है। निजी ऑपरेटरों के पास 3200 बसें और 4000 रूट हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के पास भी इतनी ही बसें और इतने ही रूट हैं। संख्या के मामले में बराबर की टक्कर है।

वैकल्पिक व्यवस्था करेगी सरकार हड़ताल होने की सूरत में सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में वैकल्पिक बसें भेजेगी। सड़कों पर खराब हो रही बसों को तब इस्तेमाल किया जा सकता है। हड़ताल का ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्रों में होगा। निजी बसें ज्यादातर गांवों में चलती हैं और 60 फीसद रूट वहीं के हैं। निजी बसों के अन्य राज्यों में बहुत कम रूट हैं। कालका, पठानकोट सहित कई इलाके इसके अपवाद हैं। भूटान में हैं परिवहन मंत्री परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर इन दिनों भूटान गए हैं। वे 10 सितंबर को वापस आएंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी हिमाचल से बाहर हैं। इस कारण निजी बस ऑपरेटरों से वार्ता नहीं हो पाई है। इस कारण ऑपरेटर खफा हैं।

क्या हैं मांगें

-किराये में 50 फीसद बढ़ोतरी हो।

-न्यूनतम किराया दस रुपये किया जाए।

-सरकार किराया बढ़ाने में असमर्थ है तो सबसिडी दी जाए।

-ईधन के 50 रुपये से अधिक दाम होने पर सबसिडी मिले।

-ग्रीन टैक्स को खत्म किया जाए।

सरकार हमारी बातें माने नहीं तो ऑपरेटर उग्र आंदोलन करेंगे। आत्मदाह जैसा कठोर कठोर कदम भी उठा सकते हैं। सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है।

राजेश पराशर, प्रदेशाध्यक्ष, निजी बस ऑपरेटर संघ

chat bot
आपका साथी