अब बागवानों को धमका रहे आरोपित आढ़ती

बागवानों से सेब के पैसों की हुई लूट के मामलों में अब आरोपित आढ़ती धमकी पर उतारू हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 May 2019 04:29 PM (IST) Updated:Mon, 20 May 2019 04:29 PM (IST)
अब बागवानों को धमका रहे आरोपित आढ़ती
अब बागवानों को धमका रहे आरोपित आढ़ती

- 01 जून को होगी नारकंडा में बैठक, एपीएमसी के पास आज तक आ चुकी हैं 300 शिकायतें

- 85 बागवानों ने करवाई है एफआइआर, हजारों बागवानों का करोड़ों रुपये बकाया : समिति

- 85 प्रभावितों ने अपने स्तर पर ठियोग, कोटखाई, जुब्बल व ढली पुलिस थानों में दर्ज करवाई है एफआइआर

जागरण संवाददाता, शिमला : बागवानों से सेब के पैसों की हुई लूट के मामले में अब आरोपित आढ़ती धमकी पर उतारू हो गए हैं। पुलिस की कार्रवाई बंद हो गई है, जबकि सीआइडी की एसआइटी ने जांच अभी तक आरंभ नहीं की है। ऐसे में प्रभावित बागवानों की शिकायतें न तो पुलिस और न ही सीआइडी देख रही है। किसान संघर्ष समिति ने जल्द न्याय न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। समिति का आरोप है कि हिमाचल के हजारों बागवानों का करोड़ों रुपया बकाया है, लेकिन सरकार और एपीएमसी ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है। करीब चार वर्षो में एपीएमसी के पास 300 शिकायतें आ चुकी हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि इनमें से एक भी एफआइआर दर्ज नहीं करवाई गई है। 85 प्रभावितों ने अपने स्तर पर एफआइआर दर्ज करवाई है। ये एफआइआर ठियोग, कोटखाई, जुब्बल व ढली पुलिस थानों में दर्ज की गई है। इन सब शिकायतों में 12 करोड़ रुपये की राशि हड़कपे के आरोप लगे हैं। समिति के सचिव संजय चौहान ने कहा कि संगठन की नारकंडा में पहली जून को बैठक होगी। इसमें आंदोलन की आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। 15 दिन पहले गठित हुई थी एसआइटी

राज्य पुलिस प्रमुख ने सीआइडी की एसआइटी गठित की थी, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी इसने जांच आरंभ नहीं की है। इस पर किसान संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं। पुलिस के माध्यम से ठियोग में पिछले साल नवंबर में दर्ज की गई एफआइआर पर उचित कार्रवाई कर 17 बागवानों के करीब 24 लाख रुपये का बकाया भुगतान करवाया भी गया था। लेकिन अब सरकार द्वारा एसआइटी गठित करने के बाद इन मामलों में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। क्या है प्रावधान

सब्जी मंडियों में आढ़तियों के हाथों बागवानों व किसानों की लूट जारी है। एपीएमसी एक्ट में प्रावधान है कि जो भी किसान मंडियों में अपना उत्पाद बेचता है, उसी दिन खरीदार या आढ़ती को उसका भुगतान करना होता है। यह सुनिश्चित करवाना एपीएमसी का काम होता है। क्या है संघर्ष समिति की मांग

किसान संघर्ष समिति ने मांग उठाई है कि दोषी आढ़तियों के विरुद्ध सरकार तुरंत कारवाई करे और प्रभावित किसानों व बागवानों की बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करवाया जाए। प्रदेश में एपीएमसी अधिनियम 2005 के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए। सभी कारोबारियों व आढ़तियों से सुरक्षा के रूप में उचित बैक गारंटी रखी जाए।

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