अब यूं बढ़ेगी हिमाचल की हरियाली, जयराम सरकार लगाएगी ‘एक बूटा बेटी के नाम’

हिमाचल सरकार एक अनूठी पहल करने जा रही है प्रदेश में जहां भी बेटी जन्‍म लेगी वहीं उस परिवार को वन विभाग एक पौधा भेंट करेगा।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 25 Jul 2019 12:20 PM (IST) Updated:Thu, 25 Jul 2019 12:20 PM (IST)
अब यूं बढ़ेगी हिमाचल की हरियाली, जयराम सरकार लगाएगी ‘एक बूटा बेटी के नाम’
अब यूं बढ़ेगी हिमाचल की हरियाली, जयराम सरकार लगाएगी ‘एक बूटा बेटी के नाम’

शिमला, रमेश सिंगटा। अब धरती मां का श्रृंगार नवजात कन्या के नाम पर बूटा लगाकर होगा। हिमाचल इस तरह की अनूठी पहल करने जा रहा है। प्रदेश में जहां भी बेटी पैदा होगी, उस परिवार को वन विभाग पौधा भेंट करेगा। इसे संबंधित क्षेत्र में रोपा जाएगा। कन्या कहां पैदा हुई, इसका पता लगाने की जिम्मेदारी वन रक्षक की रहेगी। इस सिलसिले में सरकार ने प्रारंभिक खाका खींच लिया है।

इस योजना का नाम ‘एक बूटा बेटी के नाम’ होगा। इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। रोपे पौधे की देखभाल बेटी के मां-बाप करेंगे। पौधा वन महकमा देगा और इसके लिए नर्सरियों में हर प्रजातियां तैयार की गई हैं। भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार पौधों का आवंटन होगा। बजट सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई योजना शुरू करने का ऐलान किया था। इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। जैसे ही सरकार स्वीकृति देगी, यह धरातल पर उतरेगी।

हिमाचल की हरियाली बढ़ाने के लिए यूं तो वन विभाग हर साल वन महोत्सव मनाता है, पर अब नई योजना से यह जन अभियान बन सकेगा। हर मां-बाप चाहेगा कि बेटी के जन्म पर लगाए पौधे को वह अपनी लाडली की तरह पाले और देखभाल करे। 

80 लाख पौधे रोपेगा वन विभाग

वन विभाग इस बरसात के सीजन के दौरान 70 से 80 लाख पौधे रोपेगा। इसके लिए लक्ष्य तय किया गया है। इसे हासिल करने के लिए पांच दिन के विशेष पौधरोपण अभियान में ही 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे। दावा कि इसे लगभग पूरा कर लिया है।

नौ हजार हेक्टेयर होगा कवर

80 लाख पौधों के लिए नौ हजार हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है। एक हेक्टेयर में 500 से लेकर 1100 पौधे रोपे

जा सकते हैं। यह वहां के भौगालिक हालात पर निर्भर करता है।

‘एक बूटा बेटी के नाम’ योजना में वन विभाग पौधे बांटेगा। हां, बच्ची पैदा हुई, यह जानकारी वन रक्षक देगा। वह पंचायतों से लेकर तमाम विभागों से संपर्क में रहेगा। किस प्रकार की भूमि में कौन से पौधे रोपे जाएंगे, यह जल्द ही तय होगा। योजना को मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। उसके बाद इसे लागू किया जाएगा। इससे हिमाचल के हरित आवरण में बढ़ोतरी होगी।

-अजय कुमार, पीसीसीएफ, हिमाचल प्रदेश 

chat bot
आपका साथी