पटाखे फोड़कर नहीं, दीये जलाकर मनाएंगे दिवाली

दिवाली पर्व पर कई लोग देर रात तक पटाखे फोड़कर वायु व ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं। कई लोग ग्रीन दिवाली मनाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Nov 2018 04:10 PM (IST) Updated:Mon, 05 Nov 2018 04:10 PM (IST)
पटाखे फोड़कर नहीं, दीये
जलाकर मनाएंगे दिवाली
पटाखे फोड़कर नहीं, दीये जलाकर मनाएंगे दिवाली

राज्य ब्यूरो, शिमला : दिवाली पर्व पर कई लोग देर रात तक पटाखे फोड़कर वायु व ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं। वहीं, कुछ लोग पर्यावरण संरक्षण को बल देते हैं। ऐसे लोग दिवाली की रात वायु व ध्वनि प्रदूषण न कर दीये जलाकर परिवार और पड़ोसियों के साथ खुशियां बांटते हैं। प्रस्तुत है ऐसे लोगों से बातचीत के अंश : सेहत, सुरक्षा व दूसरों को अनदेखा न करें

दिवाली रोशनी व उल्लास का पर्व है। यह पर्व शोर व धुएं का नहीं है। त्योहार मनाएं पर अपनी सेहत, सुरक्षा व दूसरों को अनदेखा न करें। दीवाली पर अपने घर पर परिवार के सभी सदस्यों के साथ दीये जलाती हूं। पटाखे न फोड़ने के लिए अपने बच्चों को भी जागरूक करती हूं।

कुमुद सिंह, एमडी, पर्यटन विकास निगम। दिवाली पर लगाते हैं पौधे

दिवाली के दिन मेरा पूरा परिवार घर पर क्यारी या गमलों में नए पौधे लगाता है। ऐसा तीन साल से कर रही हूं। हम ग्रीन दिवाली मनाते हैं। बच्चे कई बार पटाखों की जिद करते हैं। लेकिन उन्हें पटाखों से होने वाले नुकसान के खिलाफ जागरूक करती हूं।

डॉ. अंजली चौहान, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन। पटाखों से दूषित न करें दिवाली

दिवाली खुशियों का पर्व है। यह दीयों को जगमग करने का त्योहार है। दिवाली कड़वाहट को मिटाकर अपनों के गले मिलने और बड़ों से आशीष लेने का दिन है। इसे पटाखों के शोर में गुम न होने दें। दिवाली पर घर की साफ सफाई के साथ आसपास के क्षेत्र की भी सफाई करती हूं। शाम को दीये जलाकर दिवाली की खुशियां परिवार व पड़ोसियों के साथ बांटती हूं। दिवाली को पटाखों से दूषित नहीं किया जाना चाहिए।

डॉ. सोनिया ठाकुर, संयुक्त निदेशक, उच्चतर शिक्षा निदेशालय।

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