कानून व्यवस्था पर तल्ख हुआ विपक्ष, विधानसभा से वॉकआउट
शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का सत्र शुरू होते ही प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के तेवर तल्ख रहे।
जेएनएन, शिमला: शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का सत्र शुरू होते ही प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के तेवर तल्ख रहे। विपक्ष ने इस मुददे पर विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। सत्र शुरू होते ही विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने इस मसले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव जिसे विपक्ष के नेता मुकेश
अग्निहोत्री, विधायक रामलाल ठाकुर और विधायक आशा कुमारी ने स्थगन प्रस्ताव नियम 67 के तहत दिया था।
उस पर सारे काम रोक चर्चा की मांग की। इस दौरान कांग्रेस के सभी विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। सत्ता पक्ष की तरफ से भी मंत्री और विधायक अपनी सीटों पर खड़े होकर इसके जबाव में बोलने लगे। विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने व्यवस्था करने की बात कही और इस दौरान बताया कि नियम 67 के तहत तीन विषयों को उठाया गया है जोकि नियमों के खिलाफ है। जबकि विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि विषय एक ही है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है, उसको लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया गया है और यह स्थगन प्रस्ताव का नोटिस सुबह 9:45 पर दिया गया है। लेकिन विपक्ष को चर्चा के लिए समय न मिलने के बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि बीते 7 माह के दौरान प्रदेश में अपराध की स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो गई है और यही कारण है कि सरकार को जगाने और इस पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने जब प्रश्नकाल शोर-शराबे के बीच आरंभ कर दिया तो इस कारण वॉकआउट करना पड़ा।
इसके बाद सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद विपक्ष के सदस्य वापस सदन में लौटे।