कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामले की सुनवाई अब 29 को

कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामले की अगली सुनवाई अब 29 अगस्त को होगी। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई।

By Edited By: Publish:Thu, 09 Aug 2018 09:29 PM (IST) Updated:Fri, 10 Aug 2018 07:47 AM (IST)
कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामले की सुनवाई अब 29 को
कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामले की सुनवाई अब 29 को

शिमला, जेएनएन। कोटखाई में दुष्कर्म के बाद छात्रा की हत्या मामले की सुनवाई 29 अगस्त के लिए टल गई है। वीरवार को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई। इस दौरान सीबीआइ ने बताया कि मामले में ट्रायल हर रोज के आधार पर चल रहा है। 27 जुलाई को सप्लीमेंटरी चार्जशीट दायर करने से पहले 78 गवाहों में से 20 के बयान दर्ज किए जा चुके थे।

सीबीआइ ने कोर्ट से आग्रह किया कि उसे मामले में गवाह बनाए गए पुलिसकर्मी दीप चंद के शपथपत्र की प्रतिलिपि दी जाए। उस गवाह के होने वाले बयान व शपथपत्र में दी गई जानकारी परखी जा सके। दीप चंद इस मामले में जाच अधिकारी था। सीबीआइ ने कहा कि वह इस मामले में बनाए गए अन्य सभी निजी प्रतिवादी पुलिसकर्मियों के शपथपत्र भी चाहती है। सीबीआइ ने सभी शपथपत्रों की प्रतिलिपि कोर्ट से मांगी है।

सीबीआइ ने कोर्ट को यह भी बताया कि हिरासत में मौत मामले में ट्रायल आगे नहीं बढ़ पा रहा है। आरोपियों की ओर से पैरवी के लिए कोई वकील पेश नहीं हो रहा है। इस मामले में 14 पेशिया हो चुकी हैं और अगली पेशी 20 अगस्त को रखी गई है। गौर हो कि कोटखाई में छात्रा से दुष्कर्म व हत्या मामले में पुलिस जाच के दौरान पकड़े गए कथित आरोपित सूरज की लॉकअप में मौत हो गई थी। इसके पश्चात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान वाली मौजूद जनहित याचिका में तत्कालीन एसआइटी प्रमुख पूर्व आइजी जहूर जैदी समेत 8 पुलिसकर्मियों को प्रतिवादी बनाया और इस मामले में की गई जाच का विस्तृत ब्योरा शपथपत्र के माध्यम से देने के आदेश दिए थे। सभी प्रतिवादी पुलिसकर्मियों ने अपने अपने शपथपत्र सील्ड कवर में दायर किए हैं।

सीबीआइ ने सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट दायर करने से पहले भी यह शपथपत्र मागे थे परंतु हाईकोर्ट ने यह शपथपत्र सौंपने से इन्कार कर दिया था क्योंकि सीबीआइ जाच लंबित थी। अब दोनों ही मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी है इसलिए सीबीआइ इन शपथपत्रों में दी गई जानकारियों का इस्तेमाल ट्रायल के दौरान करना चाहती है।

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