चीन से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की बढ़ेगी रफ्तार

हिमाचल प्रदेश के चीन से सटे क्षेत्रों में भी अब विकास की रफ्तार तेज होगी।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 21 Jul 2018 08:49 AM (IST) Updated:Sat, 21 Jul 2018 08:49 AM (IST)
चीन से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की बढ़ेगी रफ्तार
चीन से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की बढ़ेगी रफ्तार

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के चीन से सटे क्षेत्रों में भी अब विकास की रफ्तार तेज होगी। केंद्र ने एक पखवाड़े के भीतर हिमाचल को सशर्त नौ करोड़ 82 लाख रुपये की दूसरी किस्त जारी कर दी है। यह पैसा गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन विभाग की ओर से आया है।

इस संबंध में मुख्य सचिव विनीत चौधरी को पत्र प्राप्त हो गया है।हाल ही में मंत्रालय ने सात करोड़ 67 लाख रुपये दिए थे। अभी इस राशि को खर्च करना शुरू भी नहीं किया गया कि एक और ग्रांट आ गई है। यह ग्रांट सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) के तहत मिली है।

इस राशि की सूचना नीति आयोग के प्रधान सलाहकार समेत हिमाचल के रेजीडेंट कमीश्नर हिमाचल भवन दिल्ली व महालेखाकार कार्यालय शिमला को भी दी गई है। इसमें निर्देश हैं कि अगर इस धन को खर्च करने में अनियमितता पाई गई तो निकट भविष्य की ग्रांट में कटौती होगी।

अनियमितता का पैसा अगली ग्रांट में से काटा जाएगा। हिमाचल की चीन के तिब्बत से करीब 200 किलोमीटर सीमा लगती है। किन्नौर व लाहुल जिला प्रदेश का सीमांत क्षेत्र है।

सुरक्षा की दृष्टि से हिमाचल के सीमांत क्षेत्र में आइटीबीपी चौकस है।एक साल में 25 करोड़ की मदद हिमाचल से लगते तिब्बत क्षेत्र में चीन पहले ही सड़कों व पुलों का आधारभूत ढंाचा तैयार कर चुका है। इसके मुकाबले भारत के पास बीएडीपी के तहत ज्यादा पैसा नहीं आ पाता है। एक साल में करीब 25 करोड़ की ही आर्थिक मदद मिलती है। 

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