बिना ढकी ढाई क्विंटल मिठाई व चाशनी फेंकवाई

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी में खाद्य-आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने मिठाई की दुकाना

By JagranEdited By: Publish:Sat, 03 Nov 2018 07:15 PM (IST) Updated:Sat, 03 Nov 2018 07:15 PM (IST)
बिना ढकी ढाई क्विंटल मिठाई व चाशनी फेंकवाई
बिना ढकी ढाई क्विंटल मिठाई व चाशनी फेंकवाई

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी में खाद्य-आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने मिठाई की दुकानों का निरीक्षण किया। इस दौरान ढाई क्विंटल घटिया मिठाई व चाशनी फेंकवाई गई। यह कार्रवाई शिमला के पुराने बस अड्डे में पंचायत भवन के समीप की दुकानदारों के खिलाफ की गई।

शनिवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दुकानों व ढाबों का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां पर बिना ढके मिठाइयों को बेचा जा रहा था जिसके कारण उसमें धूल और मिट्टी पड़ रही थी। मिठाइयों की हालत को देखते हुए इन्हें नाली में फेंकवा दिया।

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22 सैंपल भरे

शिमला में खाद्य आपूर्ति विभाग की छापेमारी के दौरान विभाग ने मिठाइयों की गुणवत्ता जांचने के लिए 22 सैंपल भरे हैं। इनको कंडाघाट स्थित लैब में जांच के लिए भेजा गया है। 15 दिन बाद इसकी रिपोर्ट आएगी गुणवत्ता में खामी पाए जाने पर दुकानदारों के खिलाफ विभाग कार्रवाई अमल में लाएगा।

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मिठाई विक्रेताओं के पास नहीं मिले लाइसेंस

खाद्य पदाथरें की बिक्री के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम का लाइसेंस प्राप्त होना अनिवार्य है। खाद्य आपूर्ति विभाग के निरीक्षण के दौरान शहर के कुछ दुकानदार लाइसेंस नहीं दिखा पाए जिस कारण लाइसेंस के अभाव वाले विक्रेताओं का चालान भी किया गया। इसके अलावा विभाग की टीम ने विक्रेताओं व जन साधारण से खाद्य व पेय पदाथरें को ढककर रखने की अपील भी की।

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मालरोड की दुकानें भी जांची

टीम ने पुराने बस अड्डे में दुकानों व ढाबों का निरीक्षण करने के बाद मालरोड की दुकानों व होटलों आदि का भी निरीक्षण किया गया। इस दौरान मालरोड की मिठाइयों की गुणवत्ता की भी जांच की गई। वहां पर बनाई जा रही मिठाइयों की स्वच्छता की भी जांच की गई। इसके अलावा, टुटू बालूगंज, समरहिल में भी शनिवार को निरीक्षण किया गया और मिठाइयों के सैंपल भरे गए हैं। त्योहारी उत्सव के दौरान विभाग ने अभी तक 52 सैंपल भरे हैं, जिनमें अधिकतर सैंपल मिठाइयों के हैं।

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जुर्माना और सजा का है प्रावधान

केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए फूड सेफ्टी एक्ट के तहत लाइसेंस न लेने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। इसमें एक बार चेतावनी देने के बाद उक्त खाद्य पदार्थ विक्रेता को पाच लाख रुपये तक का जुर्माना और छह माह तक की कैद की सजा हो सकती है।

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जिला में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत खाद्य व पेय पदाथरें की गुणवत्ता की जाच की जा रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अशोक मंगला द्वारा 22 खाद्य पदाथरें के नमूने एकत्रित कर जाच के लिए भेजे गये और करीब अढ़ाई क्विंटल बासी मिठाइयों को फेंकवाया गया है।

-नीरज मित्तल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला।

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