तकनीशियन नहीं देने थे तो क्यों लगा दी मशीनें

सिविल अस्पताल नेरवा में सुविधा न मिलने के कारण लोगों को छोटे टेस्ट करवाने के लिए भी शिमला जाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 10:20 AM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 10:20 AM (IST)
तकनीशियन नहीं देने थे तो क्यों लगा दी मशीनें
तकनीशियन नहीं देने थे तो क्यों लगा दी मशीनें

क्षितिज सूद, नेरवा

सिविल अस्पताल नेरवा में सुविधा न मिलने के कारण लोगों को छोटे टेस्ट करवाने के लिए भी शिमला जाना पड़ता है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड व एक्सरे मशीन तो हैं, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट व रेडियोग्राफर के पद ही सृजित नहीं किए गए हैं। लिहाजा लाखों रुपये की ये मशीनें अस्पताल में मात्र शोपीस बन कर रह गई हैं। इसके अलावा लिपिड प्रोफाइल व ईसीजी आदि की सुविधा भी अस्पताल में नहीं है। लोगों को लिपिड प्रोफाइल, ईसीजी, आरएफटी व एलएफटी जैसे टेस्टों के लिए शिमला जाना पड़ता है। कोलेस्ट्रोल, यूरिक एसिड आदि की समय पर जाच न होने से इन मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां के लोग कई वर्षो से अस्पताल में सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकारों ने कोई गौर नहीं किया।

नेरवा तहसील के लोगों ने नेरवा सिविल अस्पताल में सुविधाएं जुटाने को लेकर सरकार के समक्ष आवाज बुलंद की है। जिला परिषद नेरवा वार्ड की सदस्य वीना पोटन, नेरवा के प्रधान आत्मा राम डोगरा, उपप्रधान नरेश भिखटा, व्यापार मंडल नेरवा के अध्यक्ष राजीव भिखटा, उपाध्यक्ष दिनेश अमरेट, महासचिव रमेश काटा, मानु भविया-खूंद न्योल वार्ड के पंचायत समिति सदस्य आचार्य मनोहर शर्मा, बिजमल पंचायत की प्रधान बबीता समटा चौहान, खूंद न्योल पंचायत प्रधान भगत सिंह टासटा, मधाना पंचायत प्रधान राकेश पोटन, टिकरी के उपप्रधान केवल राम, बिजमल के पूर्व प्रधान दिनेश चौहान, नेरवा के पूर्व प्रधान हरी राम चौहान, पूर्व उपप्रधान गोविंद घुंटा, बिजमल के पूर्व उपप्रधान हीरा सिंह, पूर्व जिला खेल अधिकारी सीता राम जस्टा व भाग मल कांटा आदि ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से माग की है कि सिविल अस्पताल नेरवा में संपूर्ण स्वास्थ्य जाच, अल्ट्रासाउंड व एक्सरे आदि की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं।

chat bot
आपका साथी