प्लास्टिक कचरे पर सरकार का वार
सरकार ने हिमाचल में पर्यटकों के लिए ऑल सीजन पर्यटन की श्रृंखला तैयार की है। इसके तहत पर्यटक जहां सर्दियों में बर्फबारी का आनंद ले सकेंगे। वहीं नवरात्रों में शक्तिपीठों के दर्शन कर सकेंगे। जो पर्यटक साहसिक गतिविधियों का आनंद लेना चाहते हैं उनके लिए भी विशेष प्रबंध होंगे। सरकार ने नई पर्यटन नीति में 11 पर्यटन गतिविधियों को शामिल कर पर्यटकों के लिए हिमाचल के द्वार खोलने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकु की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 75 रुपये किलो मूल्य के हिसाब से पानी की बोतल दूध के पैकेट सहित मंत्रिमंडल ने नॉन रिसाइकल-प्लास्टिक वेस्ट और विभिन्न अन्य प्रकार के सिगल यूज प्लास्टिक वेस्ट को दोबारा खरीदने की प्रस्तावित नीति को मंजूरी प्रदान की। दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर 56 तरह के प्लास्टिक को खरीदने की शुरूआत होगी ताकि राज्य को प्लास्टिक मुक्त किया जा सके। जंगल के पानी से 10 जिलों की 42
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल सरकार अब प्लास्टिक कचरे पर वार करेगी। लोग अपने घर से निकलने वाला प्लास्टिक कचरा सरकार को बेच सकेंगे। प्रदेश मंत्रिमंडल ने नॉन रिसाइकल तथा अन्य प्रकार के सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट की पुन: खरीद के लिए प्रस्तावित नीति को स्वीकृति दी। इसके तहत 75 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार दोपहर 12 बजे से चार बजे तक हुई। इसमें प्लास्टिक वेस्ट खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घरों से कूड़ा-कचरा एकत्रित करने और उसे शहरी स्थानीय निकायों के पास जमा करने की एवज में निर्धारित किया गया ताकि प्रदेश में स्वच्छता बनाई रखी जा सके। इससे पानी की बोतल, दूध के पैकेट और प्लास्टिक पैकिग में आने वाली 56 तरह की वस्तुओं से फैलने वाला प्लास्टिक कचरा बंद हो सकेगा। दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर 56 तरह का प्लास्टिक खरीदने की शुरुआत होगी ताकि प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त किया जा सके। नई पर्यटन नीति मंजूर
मंत्रिमंडल ने नई पर्यटन नीति को मंजूरी प्रदान की है। प्रदेश में पर्यटन के समग्र विकास के लिए हिमाचल प्रदेश पर्यटन नीति-2019 का प्रारूप स्वीकृत किया गया। नई नीति में ईको, जैविक कृषि, झील, सांस्कृतिक एवं धरोहर, स्वास्थ्य एवं वेलनेस, फिल्म, साहसिक, धार्मिक व स्नो पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं के विकास पर ध्यान दिया गया है। इससे पर्यटकों के लिए हिमाचल के द्वार खुलेंगे। पर्यटन की दृष्टि से प्रदेश के पिछड़े रहे क्षेत्रों में पर्यटन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए पूंजी निवेश उपदान को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इन पर्यटन इकाइयों के लिए सड़क सुविधाएं व जलापूर्ति जैसी आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने पर बल दिया गया है। मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप मिलेंगे
मूल्य को लेकर विवाद में घिरी लैपटॉप खरीद का मामला सिरे चढ़ गया है। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 के लिए छात्र डिजिटल योजना के तहत सरकारी स्कूलों के दसवीं व जमा दो के मेधावी विद्यार्थियों के लिए 9700 लैपटॉप खरीदने व वितरित करने को मंजूरी दी। द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानियों की वित्तीय सहायता बढ़ी
द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानियों को दी जा रही वित्तीय सहायता बढ़ा दी गई है। वित्तीय सहायता को पहली सितंबर 2019 से 3000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 10000 रुपये प्रतिमाह करने तथा उनकी विधवाओं को दी जा रही सहायता राशि को 3000 रुपये से 5000 रुपये करने को स्वीकृति दी गई। एक बूटा बेटी के नाम
हिमाचल में बेटियों तथा पौधों दोनों की रक्षा करने और इनके पालन-पोषण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक बूटा बेटी के नाम योजना को लागू करने को स्वीकृति दी गई। इससे प्रदेश में लोगों को बेटियों तथा पौधों के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ा जा सकेगा। बेटी के जन्म पर उनके परिजन पौधा रोपेंगे। वरदान बनेगी जंगलों का पानी
हिमाचल में अब जंगलों का पानी वरदान बनेगा। इस पानी का संरक्षण कर इससे किसानों के खेतों में सिंचाई की जाएगी। मंत्रिमंडल ने प्रदेश के लिए केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा स्वीकृत संसाधन सृजन एवं पर्यावरण संवर्द्धन एकीकृत विकास परियोजना के तहत 10 जिलों की 428 ग्राम पंचायतों को इस परियोजना में शामिल करने को मंजूरी दी। इससे इन पंचायतों के वन क्षेत्रों के साथ लगती कृषि भूमि में प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग कर इसमें सुधार लाया जा सकेगा। वरिष्ठ प्रवक्ता उपप्रधानाचार्य नामित होंगे
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में प्रवक्ताओं में से सबसे वरिष्ठ प्रवक्ता को उपप्रधानाचार्य नामित करने का निर्णय लिया गया। अब प्रदेश के 1800 से अधिक स्कूलों में प्रवक्ता उपप्रधानाचार्य नामित होंगे। हालांकि इससे सरकार पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। प्रदेश में उपप्रधानाचार्य नामित करने की व्यवस्था पहली बार लागू होगी। मंत्रिमंडल के इस निर्णय से स्कूल प्रवक्ता संघ की मांग पूरी हो गई है।