आइजीएमसी में पहली बार हुई बैरियेट्रिक सर्जरी

मिल रहा है। इस बात से दुनियां के लाखों लोग परेशान हैं और इसका हल ढूंढने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं। अब हिमाचल के लोगों को मोटापे से निजात दिलाने के लिए शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आधुनिक तकनीकों के माध्यम से राहत देने की शुरूआत हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Nov 2019 08:28 PM (IST) Updated:Sat, 30 Nov 2019 08:28 PM (IST)
आइजीएमसी में पहली बार हुई बैरियेट्रिक सर्जरी
आइजीएमसी में पहली बार हुई बैरियेट्रिक सर्जरी

चित्र सहित- 30 डीएचए 5

सफलता : मोटापे से पीड़ित व्यक्ति की फालतू चर्बी निकाली

-सुबह 8.30 बजे शुरू हुई सर्जरी 11 बजे तक चली

-मुख्यमंत्री ने सवा घंटे तक देखा सर्जरी का लाइव प्रसारण

------------------ जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल में लोगों को मोटापे से आधुनिक तकनीक से निजात दिलाने के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में शुरुआत हो चुकी है। आइजीएमसी शनिवार को ऐसी ही सर्जरी का गवाह बना। अस्पताल में मोटापे से पीड़ित एक व्यक्ति से फालतू चर्बी निकालने के लिए बैरियेट्रिक सर्जरी की गई। आइजीएमसी में इस प्रकार की पहली सर्जरी हुई।

सोलन जिले के अर्की निवासी व्यक्ति की सर्जरी शनिवार सुबह 8.30 बजे शुरू हुई जो 11 बजे तक चली। इस व्यक्ति का वजन 107 किलो था। डॉक्टरों की टीम ने लेप्रोस्कोपी से यह ऑपरेशन किया। मोटापे को कम करने के लिए की गई सर्जरी में अमाशय से कुछ हिस्से को काटकर छोटा किया गया। ऐसा करने पर व्यक्ति चाहकर भी ज्यादा भोजन नहीं कर पाएगा और अगर कर भी लेगा तो उल्टी कर देगा। आइजीएमसी में बैरियेट्रिक सर्जरी के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे। उन्होंने अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर लगी मशीन में ऑपरेशन थियेटर में हो रही सर्जरी का लाइव प्रसारण एक घंटा 15 मिनट तक देखा। ऑडिटोरियम में एमबीबीएस और नर्सिग व पैरामेडिकल के विद्यार्थियों को लाइव सर्जरी सीखने का मौका मिला। बैरियेट्रिक सर्जरी से ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, हृदय व घुटने से संबंधित बीमारियां भी दूर हो जाएंगी। रोबोटिक सर्जरी का प्रदर्शन आइजीएमसी में रोबोट से सर्जरी करने का तरीका भी कार्यशाला में पहुंचे डॉक्टरों ने स्क्रीन पर दर्शाया। इसमें दिखाया गया कि रोबोटिक सर्जरी क्या है, कैसे एक रोबोट सर्जरी करता है जहां पीछे बैठे डॉक्टर रोबोट को मैनुअली हैंडल कर रहे होते हैं। हर्निया के चार मरीजों की सर्जरी आइजीएमसी में शनिवार को हर्निया के चार मरीजों की भी सर्जरी हुई। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हर्निया से पीड़ित इन चार मरीजों को भी अन्य राज्यों के डॉक्टरों ने ऑपरेट किया। हर्निया की पहली सर्जरी सुबह 11.30 बजे शुरू हुई। आखिरी सर्जरी दोपहर तीन बजे पूरी हुई। कई राज्यों के डॉक्टरों की देखरेख में हुए ऑपरेशन

गुजरात, लुधियाना, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता सहित देश के अन्य हिस्सों से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में पांच ऑपरेशन किए गए। इनमें आइजीएमसी के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने भी हिस्सा लिया। पहली दिसंबर को सर्जरी के विषय में आधुनिक तकनीकों पर चर्चा की जाएगी जो सर्जरी के क्षेत्र में इलाज में सहायक होगी।

डॉ. डीके वर्मा, विशेषज्ञ, सर्जरी विभाग, आइजीएमसी आइजीएमसी के लिए ऐतिहासिक पल बैरियेट्रिक तरीके से सर्जरी का पल आइजीएमसी के लिए ऐतिहासिक रहा। मोटापे से परेशान लोगों को अब हिमाचल में ही बैरियेट्रिक सर्जरी की सुविधा मिल सकेगी। इस सर्जरी के लिए पहले लोगों को अन्य राज्यों का रुख कर लाखों रुपये खर्च करने पड़ते थे। अब आइजीएमसी की फैकल्टी और जूनियर डॉक्टर प्रशिक्षित होकर जल्द यह सर्जरी कर पाएंगे।

डॉ. जनक राज, एमएस, आइजीएमसी मुख्यमंत्री ने दी डॉक्टरों को बधाई मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आइजीएमसी में सर्जरी विभाग की ओर से की गई बैरियेट्रिक सर्जरी पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए डॉक्टरों की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह डॉक्टरों की मेहनत है कि बिना चीरा लगाए इतनी बड़ी सर्जरी करना संभव हुआ है। हिमाचल में ऐसी सर्जरी होना बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाएगा। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिदल के बेटे डॉ. विवेक बिदल के सर्जरी में हिस्सा लेने पर खुशी जताई। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से सर्जरी करने पहुंचे डॉक्टरों का धन्यवाद किया।

--------- क्या है बैरियेट्रिक सर्जरी

बैरियेट्रिक मोटापे को कम करने की सर्जनी का नाम है। इसमें सर्जरी लेप्रोस्कोपी तकनीक से की जाती है।

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