डिप्टी कमांडेंट इंजीनियर श्याम नेगी निर्दोष

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के मामले में ट्रायल का

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 Jul 2017 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 28 Jul 2017 01:01 AM (IST)
डिप्टी कमांडेंट इंजीनियर श्याम नेगी निर्दोष
डिप्टी कमांडेंट इंजीनियर श्याम नेगी निर्दोष

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के मामले में ट्रायल का सामना कर रहे आइटीबीपी के तत्कालीन डिप्टी कमाडेंट इंजीनियर श्याम नेगी को निर्दोष करार दिया है। उनके खिलाफ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिमला द्वारा तय किए गए आरोपों को भी खारिज कर दिया गया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने प्रार्थी डिप्टी कमाडेंट इंजीनियर श्याम नेगी की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि जाच में सामने आई परिस्थितियों से यह स्पष्ट नहीं होता है कि प्रार्थी ने शिमला के तारा देवी स्थित आइटीबीपी कैंप में आइटीबीपी जवान को आत्महत्या के लिए मजबूर किया।

17 सितंबर 2015 को महाराष्ट्र के अकला जिला के तीलसारा तहसील के सौंधला निवासी नितिन गोटमरे (24) ने तारादेवी में सर्विस गन से खुद को गोली मार ली थी। उसकी छाती में गोली लगी थी। नितिन के साथियों ने इसकी सूचना बेस कैंप में दी। अधिकारी उसे आइजीएमसी शिमला लाए, जहा चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

नितिन की जेब से पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया था। सुसाइड नोट में लिखा था कि डिप्टी कमाडेंट इंजीनियर श्याम नेगी उसे कई दिन से प्रताड़ित कर रहा था। वह उसकी वजह से मर रहा है। इसका दोष किसी और को न दिया जाए।

पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर डिप्टी कमाडेंट इंजीनियर श्याम नेगी को गिरफ्तार भी कर लिया था। मामले की जाच के बाद 29 अगस्त 2016 को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने एक आदेश पारित कर श्याम नेगी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत आरोप तय किए थे। इन आदेशों के खिलाफ प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने उन्हें इस मामले में निर्दोष ठहराया।

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