रिवालसर झील परिसर में प्रवेश शुल्क का विरोध

ग्रीनटेक्स के नाम पर लगाए जा रहे प्रवेश शुल्क का स्थानीय 12 व 6 नंबर वार्ड की जनता ने विरोध किया है। इस संदर्भ में उपायुक्त मंडी को एक पत्र भी भेजा गया है। लोगों का कहना है कि इस टैक्स का सबसे ज्यादा असर नगर पंचायत की तीन वार्डों की जनता व स्थानीय दुकानदारों को सहना पड़ रहा है। झील परिसर में रहने वाले लोगों व दुकानदारों को घर का सामान रेत बजरी सीमेंट व अन्य सामग्री लाने के साथ उनसे मिलने आने वाले रिश्तेदारों को

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Mar 2019 04:31 PM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2019 04:31 PM (IST)
रिवालसर झील परिसर में प्रवेश शुल्क का विरोध
रिवालसर झील परिसर में प्रवेश शुल्क का विरोध

सहयोगी, रिवालसर : नगर पंचायत रिवालसर की ओर से झील परिसर के प्रवेशद्वार पर ग्रीनटैक्स के नाम पर लगाए जा रहे प्रवेश शुल्क के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। रिवालसर के वार्ड एक, दो व छह के बाशिंदों ने इस व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया है। इस संदर्भ में उपायुक्त मंडी को एक पत्र भी भेजा गया है।

लोगों का कहना है कि इस टैक्स का सबसे ज्यादा असर नगर पंचायत की तीन वार्डों की जनता व स्थानीय दुकानदारों को हो रहा है। झील परिसर में रहने वाले लोगों व दुकानदारों को घर का सामान, रेत बजरी, सीमेंट, व अन्य सामग्री लाने के साथ उनसे मिलने आने वाले रिश्तेदारों को भी इस भारी भरकम टैक्स का भोगी बनना पड़ रहा है। इसके साथ झील परिसर में हिदू , बौद्ध मंदिरों व ऐतिहासिक गुरुद्वारे में दर्शनों को लेकर आने वाले श्रद्धालुओं व विभिन्न स्कूलों से पिकनिक मनाने आने बाले बच्चों के साथ होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी इस टैक्स से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। पर्यटन व्यवसाय व पर्यटकों पर इस टैक्स का बुरा असर पड़ रहा है। अगर नगर पंचायत इस प्रकार का टैक्स लगाने में सक्षम है तो वे इस प्रकार का टैक्स बैरियर नगर पंचायत की प्रवेश सीमा में ही लगाए। लोगों ने उपायुक्त मंडी से गुहार लगाते हुए कहा है कि जनहित में इस प्रवेश शुल्क को बंद करवाया जाए। अन्यथा लोग की राह पर जाने को बाध्य होंगे।

नगर पंचायत अध्यक्ष रिवालसर लाभ सिंह का कहना है कि प्रवेश शुल्क नियमानुसार लगाया गया है। इससे होने वाली आय का प्रयोग झील परिसर के रखरखाव को लेकर किया जाता है

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