मंडी में वन अधिकार मंच का धरना-प्रदर्शन

की ओर से शहर में रैली निकाल कर अपने हक हकूक को लेकर धरना प्रदर्शन किया। प्रदेश भर से सैकड़ों

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 05:21 PM (IST) Updated:Thu, 11 Apr 2019 05:21 PM (IST)
मंडी में वन अधिकार मंच का धरना-प्रदर्शन
मंडी में वन अधिकार मंच का धरना-प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, मंडी : हिमाचल वन अधिकार मंच के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने शहर में रैली निकाली और अपने हकों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। प्रदेश भर से सैकड़ों की तादात में कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन में भाग लिया। मंच ने अतिरिक्त जिला उपायुक्त आशुतोष गर्ग के माध्यम से मुख्य सचिव राज्य सरकार को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। हिमाचल वन अधिकार मंच के राज्य संयोजक अक्षय जसरोटिया ने कहा है कि राज्य में लाखों परिवार खेती और रिहाइश के लिए दिसंबर 2005 से पहले से वन भूमि पर बिना पट्टे के काबिज हैं, ऐसे परिवारों पर अब बेदखली का खतरा मंडरा रहा है। वन अधिकार कानून 2006 के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकारों की मान्यता प्रदेश की अधिकांश आबादी के लिए आवश्यक है। इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार और प्रशासन राज्य में इस कानून के क्रियान्वयन में असफल रहा है। वन भूमि पर अपनी रोजमर्रा की जरूरतों व आजीविका के लिए निर्भर समुदायों के वन भूमि पर उनके हितों एवं हकों की रक्षा के साथ ही साथ उनको कानूनी मान्यता देने के लिए वन अधिकार कानून को भारत की संसद ने 2006 में पारित किया था। पिछले 10 वर्षों में पूरे देश में लाखों लोगों को वन अधिकार कानून के तहत फायदा मिला है जबकि हिमाचल प्रदेश में अभी तक केवल 129 दावों को मान्यता मिली है। हिमाचल प्रदेश के भीतर भी किन्नौर, लाहुल स्पीति और कांगड़ा में कम से कम दावे तो किए गए हैं। मंडी जिला का मामला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है यहां 2014 से प्रशासन ने सभी गांवों की वन समितियों से शून्य दावें के प्रमाण पत्र लिए हैं। जो यह दर्शाता है कि इस कानून के तहत लोगों का कोई दावा नहीं है। मंच इन प्रपत्रों को खारिज करने के लिए लगातार मांग उठा रहे हैं। जिला परिषद सदस्य करसोग श्याम सिंह ने कहा कि जनवरी में इस कानून के तहत गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति को इन शून्य दावों के प्रपत्रों पर ज्ञापन भेजा था। हिमाचल वन अधिकार मंच से जुड़े हिमधरा समूह के कार्यकर्ता प्रकाश भंडारी, सेव लाहुल स्पीति संस्था के अध्यक्ष प्रेम कटोच, जन जातीय क्षेत्र किन्नौर के आरसी नेगी ने कहा कि लाहुल स्पीति व किन्नौर के पूरे जनजातीय क्षेत्र में आने वाले चुनावों में वन अधिकार का मुद्दा बड़ा मुद्दा बनेगा।

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