सोलंगनाला में बिना बर्फबारी भी होगी स्कीइंग, स्थापित की गई स्नो मेकिंग मशीन

सोलांगनाला में पहले स्नाेमेकिंग मशीन लगायी गयी है जिससे स्कीइंग के शौकीनों के लिए एक फीट का स्लोप भी बर्फ से तैयार कर दिया गया है।

By BabitaEdited By: Publish:Sat, 29 Dec 2018 12:34 PM (IST) Updated:Sat, 29 Dec 2018 12:34 PM (IST)
सोलंगनाला में बिना बर्फबारी भी होगी स्कीइंग, स्थापित की गई स्नो मेकिंग मशीन
सोलंगनाला में बिना बर्फबारी भी होगी स्कीइंग, स्थापित की गई स्नो मेकिंग मशीन

मनाली, जेएनएन। सर्दियों में सोलंगनाला आने वाले पर्यटक अब बिना बर्फबारी के भी स्कीइंग और बर्फ की अन्य खेलों का लुत्फ ले सकेंगे। यह संभव हो पाया है सोलंगनाला के युवाओं की बदौलत। यहां पर प्रदेश की पहली स्नो मेकिंग मशीन स्थापित की गई है और बकायदा एक फीट तक स्लोप भी बर्फ से तैयार कर दिया गया है। सोलंगनाला के युवा सुनील ठाकुर, हीरालाल, गोकुल, मोहन और रोशन ठाकुर ने यूरोप से 30 लाख रुपये की स्नो मेकिंग मशीन स्थापित करवाई है।

युवाओं ने करीब एक फीट बर्फ की मोटी परत भी बना डाली है। स्थानीय लोगों का कहना है सरकार भले ही

इस मशीन को लाने में विफल रही। लेकिन इन युवाओं ने यह पहल कर डाली है। युवाओं ने निजी भूमि पर स्नो पार्क बनाया है। कुछ वर्ष से मनाली की वादियों में कम बर्फबारी हो रही है। ऐसे में इस मशीन के लगा देने से पर्यटक आसानी से बर्फ के दीदार कर सकेंगे ओर स्कीइंग का आनंद ले सकेंगे।

ऐसे काम करती है मशीन 

स्नो मेकिंग मशीन पानी की बूंदों को बर्फ के फाहों में तबदील करती है। इसके लिए मशीन को माइनस दो डिग्री तापमान चाहिए। माइनस तापमान में मशीन कहीं भी पानी की बूंदों को बर्फ के फाहो में बदल देगी। शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने वाले रोशन ठाकुर ने बताया बर्फ बनाने को तापमान माइनस दो डिग्री से कम चाहिए। पानी को प्रैशराइज़ड पंप से भेजने के बाद हाई पॉवर फैन से पानी की बूंदों को भाप की तरह तोड़ा जाता है, जिससे वह तैरना शुरू करती हैं और जमकर बर्फ की तरह गिर जाती है। यह सौ फीसद ईको फ्रेंडली है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

सर्दियों में जब तक सोलंगनाला में तापमान माइनस पर रहेगा, तब तक यह मशीन पानी से बर्फ बनाएगी। बर्फबारी न होने की सूरत में कृत्रिम बर्फ से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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