लग घाटी में लगेंगे पर्यटन गतिविधियों को पंख
जिला कुल्लू के अनछुए पर्यटन स्थल अब जल्द सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
दविद्र ठाकुर, कुल्लू
जिला कुल्लू के अनछुए पर्यटन स्थल अब जल्द सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे। इसके लिए सरकार की ओर से कवायद शुरू हो गई है। वन विभाग ने लग घाटी के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर व एस्टीमेट बनाकर सरकार को भेजा है। इसे मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा। प्रस्ताव में 3.41 करोड़ की लागत से लग घाटी के विभिन्न पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा। इससे इस घाटी में पर्यटन गतिविधियों को पंख लगेंगे।
प्रदेश सरकार की नई राहें-नई मंजिलें योजना के तहत लग घाटी को पर्यटन के तौर पर विकसित करने की पहल शुरू हो गई है। इससे लोगों को घर के निकट ही रोजगार मिलेगा। वन विभाग के विश्राम गृह, काइसधार में साइट, कडौन के आसपास के क्षेत्र के रास्तों, पुलों को दुरुस्त करने, बड़ासौर व नौधार को विकसित करने, मठासौर के रास्तों पर कार्य करने, बड़ा सौर में रेस्ट हट, नौधार में रेनशेल्टर, मंदिरों के आसपास सुरक्षा दीवार लगाना, मठासौर झील, अलवर नाला वाटरफाल आदि को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। लग घाटी में घने जंगल, कई पुराने ट्रैकिग रूट व खूबसूरत स्थल हैं। वन विभाग का पुराना विश्राम गृह भी है। घाटी को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश सरकार वन विभाग और पर्यटन विभाग के माध्यम से घाटी में पर्यटन की संभावनाओं की दिशा में कार्य कर रही है। साहसिक गतिविधियों का आनंद उठा रहे पर्यटक
कुल्लू के पर्यटन स्थलों में हिमपात के बाद देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई है। पर्यटक कुल्लू पहुंचकर साहसिक गतिविधियों का आनंद उठा रहे हैं। पैराग्लाइडिग, राफ्टिंग, स्कीइंग सहित कई खेलों का पर्यटक आनंद ले रहे हैं। कुल्लू, मनाली में लगातार पर्यटकों की आमद बढ़ने से साहसिक पर्यटन से जुड़े कारोबारियों का व्यवसाय बेहतर है।
वन विभाग लग घाटी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्य कर रहा है। घाटी में कई पर्यटन स्थलों को विकसित करने का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
-एंजल चौहान, डीएफओ, कुल्लू।