सेब की उम्दा फसल के लिए परागण प्रक्रिया जरूरी

संवाद सहयोगी, मनाली : मनाली की उझी घाटी में बागवानों के लिए जागरुकता शिविर लगाया गया। इसमें दर्जनों

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Mar 2017 09:46 PM (IST) Updated:Mon, 27 Mar 2017 09:46 PM (IST)
सेब की उम्दा फसल के लिए परागण प्रक्रिया जरूरी
सेब की उम्दा फसल के लिए परागण प्रक्रिया जरूरी

संवाद सहयोगी, मनाली : मनाली की उझी घाटी में बागवानों के लिए जागरुकता शिविर लगाया गया। इसमें दर्जनों बागवानों ने भाग लिया। शिविर में बागवानों को सेब की उम्दा फसल की विस्तृत जानकारी दी गई। सेवानिवृत्त उपनिदेशक क्षेत्रिय बागवानी अनुसंधान केंद्र नौणी जयंत कुमार ने बागवानों को बताया कि सेब की उम्दा फसल के लिए परागण प्रकिया जरुरी है। बागवान अपने बागों में सेब की अच्छी फसल के लिए मधुमक्खियों को रखें ताकि परागण प्रकिया सही ढंग से हो सके। एक समय बजौरा में भी सेब की उम्दा फसल होती थी, लेकिन अब उझी घाटी में हो रहा है। नौणी से ही सेवानिवृत्त डॉ. जेपी शर्मा ने कहा कि गर्मी की वजह से ही सेब के पेड़ केंकर जैसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं। यह ग्लोबल वार्मिग का असर है। ग्रामीणों को जागरुक करते हुए कहा कि वनों का संरक्षण करें। इससे पहले फलोत्पादक मंडल के अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय ने कहा कि बागवान प्रू¨नग को गंभीरता से लें। शिविर में बुरुआ के प्रधान किशन ठाकुर ने जागरुकता शिविर लगाने के लिए फलोत्पादक मंडल का अभार जताया।

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