टांडा में वर्चुअल कार्यशाला में पंचायत प्रधानों को दिया तंबाकू मुक्ति का मंत्र

स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत पंचायत प्रधानों को तंबाकू मुक्ति के प्रति जागरूक किया गया। उन्हें तंबाकू नियंत्रण कानूनों के प्रविधानों की जानकारी दी गई। टांडा के सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं कैच केंद्र की ओर से वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की गई।

By Richa RanaEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 01:15 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 01:15 PM (IST)
टांडा में वर्चुअल कार्यशाला में पंचायत प्रधानों को दिया तंबाकू मुक्ति का मंत्र
टांडा के सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं कैच केंद्र की ओर से वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की गई।

टांडा, जागरण संवाददाता। स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती वर्ष में 'आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत पंचायत प्रधानों को तंबाकू मुक्ति के प्रति जागरूक किया गया। उन्हें तंबाकू नियंत्रण कानूनों के प्रविधानों की जानकारी दी गई। डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा के सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं कैच केंद्र की ओर से वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की गई।

इस दौरान निदेशक कैच एवं सामुदायिक चिकित्सा के विभागाध्यक्ष डा. सुनील रैना ने प्रधानों को समाज को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से किया जा रहे प्रयासों से अवगत करवाया। उनका कहना था कि धूमपान मुक्त वातावरण बनाने के लिए प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और संसाधन सामग्री के निर्माण के माध्यम से क्षमता को मजबूत करने के लिए निगरानी और मूल्यांकन और कार्यान्वयन अनुसंधान पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य में तंबाकू नियंत्रण नीतियों के कार्यान्वयन के प्रति जागरूकता पैदा करने में कैच की भूमिका और तंबाकू मुक्त ग्राम को बनाने में प्रधानों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि राज्य तंबाकू के उपयोग को कम करने में अच्छा कार्य कर रहा है। तंबाकू के उपयोग को पूरी तरह बंद करके हिमाचल न केवल देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक माडल बन सकता है। कार्यशाला में प्रदेश के सभी 12 जिलों के 55 से अधिक पंचायत प्रधानों ने भाग लिया। इस दौरान प्रोजेक्ट समन्वयक डा. साक्षी सुपेहिया 'तंबाकू मुक्त गांव के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन कैच की जिला समन्वयक डा. ऐश्वर्या ने किया।

स्वर्ण जयंती वर्ष भारतीय स्वतंत्रता "75 वें आजादी का अमृत महोत्सव" के एक भाग के रूप में, हिमाचल प्रदेश राज्य में तंबाकू नियंत्रण कानूनों के प्रावधानों के कार्यान्वयनकर्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करने के प्रयास में, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, डा आरपीजीएमसी, टांडा ने हिमाचल प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र (कैच) ने हिमाचल प्रदेश में कोटपा अधिनियम के तहत ग्राम प्रधानों के लिए राज्य स्तरीय वर्क शाप 19 जनवरी 2022 को आयोजित की। यह बात डा भानु अवस्थी, प्राचार्य डा आरपीजीएमसी ने कही। केंद्र का उद्देश्य डा अवस्थी के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता7 को ध्यान में रखते हुए डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी/एमपावर पैकेज के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाना है।

डा सुनील रैना (निदेशक कैच-सह-प्रोफेसर और हेड कम्युनिटी मेडिसिन डा आरपीजीएमसी, टांडा) के अनुसार एक एकीकृत बहु-हितधारक दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए, कैच ने एफसीटीसी दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाकर उप-राष्ट्रीय धूम्रपान मुक्त वातावरण बनाने के लिए प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और संसाधन सामग्री के निर्माण के माध्यम से क्षमता को मजबूत करने के लिए निगरानी और मूल्यांकन और कार्यान्वयन अनुसंधान का उपयोग करने की योजना बनाई है।

वर्क शाप की शुरुआत डा रैना के विशेष संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने राज्य में तंबाकू नियंत्रण नीतियों के कार्यान्वयन के प्रति जागरूकता पैदा करने में कैच की भूमिका और तंबाकू मुक्त ग्राम को बनाने में ग्राम प्रधानों की भूमिका पर प्रकाश डाला। डा साक्षी सुपेहिया (प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, कैच) ने एमपीपावर रणनीतियों और 'तंबाकू मुक्त गांव' के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डा ऐश्वर्या (जिला समन्वयक कैच) ने किया। सत्र का समापन डा सुनील की समापन टिप्पणी के साथ हुआ।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य तंबाकू के उपयोग को कम करने में अच्छा कर रहा है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में न केवल देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक माडल पेश करने की क्षमता है। कार्यशाला में प्रदेश के सभी 12 जिलों के 55 से अधिक पंचायत प्रधानों ने भाग लिया। कार्यशाला में टांडा मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. भानू अवस्थी ने भी संबोधित किया।

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