सोनम वांगचुक बोले- कंक्रीट के मकान आपदा से निपटने के लिए ठीक नहीं, परंपरागत मकान को बताया उचित
Climate Change Confrence Shimla जलवायु परिवर्तन पर आयोजित कार्यशाला में विज्ञानी सोनम वांगचुक ने कहा कि कंक्रीट के मकान तैयार कर रहे हैं जो आपदा से निपटने के लिए ठीक नहीं है। परंपरागत मकान आपदा से निपटने के लिए उचित हैं और वैसे ही मकान बनाने की जरुरत है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Climate Change Confrence Shimla, शिमला में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित कार्यशाला में विज्ञानी सोनम वांगचुक ने कहा कि कंक्रीट के मकान तैयार कर रहे हैं जो आपदा से निपटने के लिए ठीक नहीं है। परंपरागत मकान आपदा से निपटने के लिए उचित हैं और वैसे ही मकान बनाने की जरुरत है। समुदाय को हमेशा तैयार रहना होगा तभी एक राष्ट्र के रूप में हम सुरक्षित रह पाएंगे। डा. आरआर रश्मि, पूर्व विशेष सचिव एमओईएफसीसी ने कहा कि आज हम ऐसे बहुत से लोगों के बारे में सुन रहे हैं जोकि जमीन पर भी अभ्यास कर रहे हैं। हमारे यहां वक्ताओं में निश्चित रूप से बेहद अनुभवी नीति निर्माता हैं, साथ ही जमीन पर अभ्यास करने वाले भी हैं।
आयु के आधार पर रोपे पौधे : हिम्मत राम
पद्मश्री हिम्मत राम ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी आयु के आधार पर पौधे लगाने चाहिए। जिसकी उम्र 40 साल है, उसे 60 पौधे लगाने चाहिए। अभी तक हिम्मत पांच लाख पौधे लगा चुके हैं।
ये भी हुए शामिल
सम्मेलन में निदेशक जलवायु परिवर्तन डा. आशीष चतुर्वेदी जीआइजेड, इंडिया, संयुक्त सचिव एनडीएमए कुनाल सत्यार्थी, हेड स्विस डेवलपमेंट कार्पोरेशन दिल्ली डा. जोनाथन डेमेंज, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हिमाचल प्रदेश प्रबोध सक्सेना, निदेशक डब्ल्यूडब्ल्यूएफ विद्या सुंदरराजन, अध्यक्ष गोरखपुर पर्यावरण कार्य समूह डा. शिराज वजीह, रीजनल कोआर्डिनेटर जियो हेजडर्स इंटरनेशनल डा. हरि कुमार, क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क में क्लाइमेट इम्पैक्ट्स के वरिष्ठ सलाहकार हरजीत सिंह, ,सामंत, निदेशक, एचएफआरआई, शिमला डा. शेर सिंह सहित अन्य शामिल रहे।