काश! भ्रष्टाचार करने वाले स्वास्थ्य अधिकारी ने मनरेगा मजदूर विद्या से सबक लिया होता : शांता कुमार

एक मनरेगा मजदूर विद्या देवी पांच हजार रुपये योगदान करती है दूसरी तरफ उस पैसे से कोरोना उपचार की सामग्री खरीदने में एक अधिकारी भ्रष्टाचार करता है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 06:21 PM (IST) Updated:Sat, 23 May 2020 06:21 PM (IST)
काश! भ्रष्टाचार करने वाले स्वास्थ्य अधिकारी ने मनरेगा मजदूर विद्या से सबक लिया होता : शांता कुमार
काश! भ्रष्टाचार करने वाले स्वास्थ्य अधिकारी ने मनरेगा मजदूर विद्या से सबक लिया होता : शांता कुमार

पालमपुर, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का मामला बहुत ही शर्मनाक है। पूरा देश कोरोना से छटपटा रहा है। प्रदेश में भी आैर देश में भी रोगियाें की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। उसका मुकाबला करने के लिए एक मनरेगा मजदूर विद्या देवी पांच हजार रुपये योगदान करती है, दूसरी तरफ उस पैसे से कोरोना उपचार की सामग्री खरीदने में एक अधिकारी भ्रष्टाचार करता है। सुन कर ही दिल दहल जाता है, शर्म से सिर झुक जाता है। कफन तक भी चुराने वाले इस प्रकार की मनोवृति वाले लोग मनुष्य शरीर में कैसे आते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा है कि पूरा प्रदेश आहत है।

सोशल मीडिया आैर समाचार पत्रों में बहुत चर्चा हो रही है। उन्होंने विपक्ष के नेताआें से आग्रह किया है कि इसमें राजनीति न करें। हमारी सरकार आैर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पूरी जांच करके न्याय दिलवाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि आज की परिस्थिति में यह भ्रष्टाचार सामान्य भ्रष्टाचार नहीं है।

यह अपराध ही नहीं एक महापाप है। यदि वे उचित समझें तो कुछ प्रमुख योग्य आैर ईमानदार अधिकारियाें की एकल संयुक्त जांच समिति नियुक्त करके अतिशीघ्र दोषियों को सजा दिलवाएं। विश्वविद्यालयों की डिग्रियां बेचने के अपराध से ही हिमाचल प्रदेश बदनाम हो चुका है।

अब कोरोना उपचार सामग्री खरीद में भी भ्रष्टाचार का यह समाचार प्रदेश को कलंकित कर देगा। उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री अतिशीघ्र इस संबंध में उचित कार्रवाई करवाएंगे। इस प्रकार की भीषण आपदा की नाजुक परिस्थिति में भी यदि एेसा भ्रष्टाचार होता है तो फिर सामान्य स्थिति में देश को ये लुटेरे कितना आैर किस प्रकार लूटते हाेंगे। यह सोच कर दिल कांप उठता है।

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