पीपीई किट और सैनिटाइजर देख मुख्यमंत्री ने निदेशक से पूछा था, यह क्या खरीद लाए; गुणवत्ता से नहीं थे संतुष्ट

PPE Kit Scam पीपीई किट और सैनिटाइजर को देख मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वास्थ्य निदेशक व अन्य अधिकारियों से पूछा था कि यह क्या खरीद लाए।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 10:33 AM (IST) Updated:Sat, 23 May 2020 10:33 AM (IST)
पीपीई किट और सैनिटाइजर देख मुख्यमंत्री ने निदेशक से पूछा था, यह क्या खरीद लाए; गुणवत्ता से नहीं थे संतुष्ट
पीपीई किट और सैनिटाइजर देख मुख्यमंत्री ने निदेशक से पूछा था, यह क्या खरीद लाए; गुणवत्ता से नहीं थे संतुष्ट

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। कोरोना लॉकडाउन के पहले चरण में खरीदी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट और सैनिटाइजर को देख मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वास्थ्य निदेशक व अन्य अधिकारियों से पूछा था कि यह क्या खरीद लाए। इसकी गुणवत्ता से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं थे। स्वास्थ्य विभाग भी मुख्यमंत्री के पास ही है। उन्होंने शिमला स्थित सचिवालय में अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को नए टेंडर करने पड़े और ये कई बार रद भी हुए।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के तहत मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट मानकों के अनुसार खरीदने के लिए कहा था। स्वास्थ्य निदेशालय ने वेंटीलेटरों की खरीद के साथ सैनिटाइजर और मास्कों की खरीद भी की। इस दौरान कोरोना टेस्टिंग किट को भी खरीदा गया। 

लॉकडाउन के दौरान आठ कंपनियों से की खरीद

कोरोना लॉकडाउन के दौरान करीब आठ कंपनियों से टेस्टिंग किट, वेंटीलेटर, मास्क और सैनिटाइजर की खरीद की गई। इसमें प्रदेश सहित चंडीगढ़ और करनाल की निजी कंपनी से खरीद की गई। करोड़ों रुपये का सामान खरीदा गया। इसमें पीपीई किट 650 से 1150 रुपये तक खरीदी गई है। स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा खरीदे गए मास्क, सैनिटाइजर व वेंटीलेटरों  की आपूर्ति प्रदेश के अस्पतालों सहित स्वास्थ्य संस्थानों के लिए आपूर्ति होनी थी।

क्या क्या खरीदा

सामान,संख्या

वेंटिलेटर,10

पीपीई किट,12000

एन95 मास्क,25000

सर्जिकल मास्क,8 लाख

पीपीई किट पर चिकित्सा अधिकारी संघ उठा चुका है सवाल

प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ भी पीपीई किट पर सवाल उठा चुका है। प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने पीपीई कीट पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को केंद्र सरकार के तय मानकों की पीपीई किट उपलब्ध करवाई जाए। मैन्युफैक्चरर्स का नाम और आइएसओ सर्टिफिकेशन का स्टिकर अंदर लगा हो। संघ के सदस्यों ने तो यहां तक कहा था कि सैलरी एक दिन की बजाय जितनी काटनी हो काट ली जाए, लेकिन पीपीई किट अ'छी क्वालिटी की दी जाए।

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