कैसे होंगे निरोग, समय न स्वास्थ्यवर्धक भोजन
हर व्यक्ति चाहता है कि वह निरोग हो लेकिन उसके पास खुद के लिए समय है न ही उसे स्वास्थ्यवर्धक भोजन मिल रहा। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसे ही चौंकाने वाले तथ्य मुख्यमंत्री निरोग योजना के तहत सामने आए हैं।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हर व्यक्ति चाहता है कि वह निरोग हो, लेकिन उसके पास खुद के लिए समय है न ही उसे स्वास्थ्यवर्धक भोजन मिल रहा। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसे ही चौंकाने वाले तथ्य मुख्यमंत्री निरोग योजना के तहत सामने आए हैं। योजना के तहत प्रदेश की 72 लाख की आबादी में से अब तक 24 लाख की स्क्रीनिंग की गई। 2022 तक सबकी स्क्रीनिंग कर ई-हेल्थ कार्ड जारी किए जाने हैं।
24 लाख में 8.35 लाख लोग यानी 35 फीसद स्वास्थ्यवर्धक भोजन नहीं खाते और 6.67 लाख यानी 28 फीसद के पास सैर, व्यायाम व योग के लिए समय नहीं है। हालांकि ये सभी निरोग जीवन चाहते हैं। किन्नार में 85 फीसद से अधिक लोग फास्ट व अनहेल्दी फूड खा रहे हैं। कांगड़ा के 2.68 लाख लोगों में से 35.3 फीसद शारीरिक श्रम कम करते हैं और 34 फीसद फास्ट व अनहेल्दी फूड खा रहे हैं।
आशा वर्कर जुटा रहीं जानकारी
स्वास्थ्य विभाग की आशा वर्कर को घर-घर जाकर हर व्यक्ति की जानकारी लेने के लिए कहा गया, जिसके लिए एक प्रश्नावली दी गई। इसमें सारी जानकारी के साथ ये तथ्य भी पूछे गए।
तीन स्तरीय स्क्रीनिंग प्रक्रिया
योजना के तहत तीन स्तरीय स्क्रीनिंग प्रक्रिया हो रही है। सबसे पहले आशा वर्कर प्रशनावली के आधार पर लोगों की स्क्रिङ्क्षनग कर रही हैं। इसके बाद इनमें से जोखिम वाले और जिनके परिवार में मधुमेह, बीपी व कैंसर वाले रोगी हैं उनका सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा निरीक्षण करवाया जाता है। इनमें से लक्षण के आधार पर संक्रमित और अन्य बीमारियों को लेकर चिकित्सकों के पास जांच व उपचार के लिए भेजा जाता है। साथ ही मोबाइल फोन पर फोलोअप और दवा की जानकारी भी दे जाती है।
स्क्रीनिंग में सामने आए तथ्य
जिला स्क्रीनिंग अनहेल्दी फूड कम श्रम
बिलासपुर 1.70 52 36
चंबा 0.98 43 39
हमीरपुर 1.64 21 20
कांगड़ा 2.68 35 34
किन्नौर 0.28 83 41
कुल्लू, 2.16 41 25
लाहुल स्पीति 0.09 47 21
मंडी 6.14 37 32
शिमला 3.32 59 44
सिरमौर 1.72 40 35
सोलन 1.26 39 31
ऊना 1.04 20 19
योजना के तहत करीब 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। 2022 तक सभी की स्क्रीनिंग की जा रही है। ई-हेल्थ कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। फोलोअप और दवा आदि की जानकारी उन्हें फोन और चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है।
-हेमराज बैरवा,निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश।